पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अगली कार्रवाई में जुटी आजमगढ़। धोखाधड़ी के एक मामले में आरोपी को गिरफ्तार करने पहुंचे दरोगा व सिपाही को आरोपी ने परिजनों के साथ मिलकर बंधक बना लिया और एक कमरे में बंद कर दिया। घटना की जानकारी होने पर कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गयी। इसके बाद भी जब दरोगा को मुक्त नहीं किया गया तो महिला आरक्षी चहारदीवारी फांद पुलिस अंदर गयी और किसी तरह बंधक बनाये गये दरोगा व सिपाही को मुक्त कराया। इस दौरान पुलिस ने आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया। उक्त लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अगली कार्रवाई में जुट गई। सिधारी थाना क्षेत्र के मूसेपुर निवासी अजय यादव के खिलाफ शहर कोतवाली में एक भूमि विवाद में धोखाधड़ी का मामला दर्ज है। सोमवार को सिविल लाइन चौकी इंचार्ज विजय नारायण पांडेय हमराही के साथ अजय की गिरफ्तारी के लिए उसके घर गये थे। तभी अजय अपने भाई जितेंद्र, किरायेदार पंकज पांडेय व घर की महिलाओं के साथ मिलकर दरोगा व आरक्षी को बंधक बनाकर एक कमरे में बंद कर दिया। इस दौरान उक्त लोगों ने दरोगा के साथ दुर्व्यवहार भी किया। कमरे में कैद दरोगा ने घटना की जानकारी फोन पर शहर कोतवाल व थानाध्यक्ष सिधारी को दिया। इसके बाद कई थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गयी। पुलिस ने गेट में बंद ताला तोड़ने का प्रयास किया लेकिन नाकाम रही। घर में महिलाओं को देख महिला थाने से थानाध्यक्ष व कांस्टेबल बुलायीं गयीं। इसके बाद महिला पुलिस चहारदीवारी फांद घर में घुसी। वहीं पुलिस ने चारो तरफ से घेराबंदी कर भागने का प्रयास कर रहे अजय यादव, जितेंद्र यादव, पंकज पांडेय, चम्पा देवी, ममता यादव व सुनीता यादव को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस दबाव पर आरोपियों द्वारा ताला खोलकर बंधक बनाये गये दरोगा व आरक्षी को मुक्त किया गया। पुलिस सभी को सिधारी थाने लायी और उनके खिलाफ धारा 147, 332, 353, 342, 504, 506 आईपीसी के तहत मामला पंजीकृत कर देर शाम मेडिकल के लिए जिला अस्पताल ले गयी। इस सबंध में सिधारी थाने के प्रभारी निरीक्षक सुरेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि मुक दमा दर्ज कर लिया गया है महिलाआें को मेडिकल करा कर उन्हे घर भेज दिया गया है शेष कार्रवाई जारी है।
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