आजमगढ़। नगर के मुहल्ला बाज बहादुर स्थित अंजुमन गुलामाने मुस्तफा की तरफ से देररात शनिवार को एक जलसे का कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम की शुरूआत तिलावते कलाम पाक से हुई। जलसें को सम्बोधित करते हुये मौलाना सेराज अहमद मिस्बाही लंगरपुरी ने कहाकि जब तक मोमिन इस्लाम व दीन का पाबंद नहीं बनता तबतक वो परेशान हाल रहेगा। मस्जिदों में जब अजान होती है और कानों तक जाती है बावजूद इसके लोग अपने घरों से मस्जिदों की तरफ नहीं बढते है। उन्होने कहाकि जुमें की दिन जुमा पढ़ने के बाद मस्जिदों से बाहर भी लोग चले जाते है और पूरी नमाज भी अदा नहीं करते है। आज हमारे लोग इसलिए परेशान है कि अल्लाताला की इबादत नहीं करते। दुनियावी कामों में ज्यादा रहते है, दीन से दूर होते जा रहे है। उन्होने यह भी कहाकि एक राजा किसी जगह पर बाजार लगाया था उसने सोने चांदी कपड़े आदि बिकतें थे। उस बाजार में एक औरत गई और वह जिस सामान पर हाथ रखकर पूछती थी कि वो किसका है तो बाजार के दुकानदारों से जवाब सिर्फ एक मिलता था कि राजा का है। उस औरत ने सोचा कि हम राजा के ऊपर हाथ रख दे तो सारे सामान के साथ राजा भी हमारा हो जायेगा और उसने ऐसा ही किया। सारे सामानों के साथ राजा भी उसका हो गया। इसलिए दीन पर अमल करें अल्ला ताला आपसे राजी हो जायेगा। इस्लाम की आबरू बचाना हो तो सीरतें मुस्तफां पर चलें। जलसे को मुफ्ती असलम मऊ, मंजर रजा उस्ताद अजिजुल ऊलूम पहाड़पुर ने भी सम्बोधित किया।
गुलाम मुस्तफा बलिया, एहसान जियनपुर, आरिफ आजमी चुनहटा, असलम अनवार अमिलो मुबारकपुर मुहम्मद रजा, एहसान कुरैशी, सगीर खान, पुरा गुलामी आदि ने नातियां कलाम पेश किया। संचालन मौलाना कैसर आजमी शेखपुरा ने किया।
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