आज़मगढ़ 02 दिसम्बर 2016-- जिलाधिकारी सुहास एलवाई द्वारा एशियन पैरा बैडमिन्टन चैम्पियन 2016 बीजिंग में स्वर्ण पदक जीतकर ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त कर तथा उ0प्र0 सरकार द्वारा लखनऊ में यश भारती पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद उनके जनपद आगमन पर पर कलेक्ट्रेट के सभागार में उनका कलेक्ट्रेट कर्मचारी परिवार ने भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर उप ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, जिलाधिकारी प्रशासन पीपी सिंह, उप जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व बीके गुप्ता, उप जिलाधिकारी सदर दिवाकर सिंह, उप जिलाधिकारी निजामाबाद, मेंहनगर, स्वास्थ्य चिकित्साधिकारी एमके अग्रवाल, तहसीलदार, एसपीओ, ने बुके देकर सम्मानित किया। इस मौके पर स्कूलों के प्रधानाचार्य, जिला स्तरीय अधिकारी, तथा कलेक्ट्रेट परिवार के कर्मचारियों द्वारा माल्यार्पण भी किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी के स्वागत में राजकीय गर्ल्स इण्टर कालेज के छात्राओं द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत कर उनका सम्मान किया गया । कलेक्ट्रेट के नाजिर राधेश्याम तिवारी ने द्वारा स्वागत समारोह का संचालन किया तथा उनके द्वारा बीच-बीच में गीत भी सुनाये गए जो काबिले तारिफ रहे। गायक कलाकर शाहआलम सॉवरियां और राजेश रंजन ने देश भक्ति गीत के माध्यम से जिलाधिकारी का स्वागत किया। तथा उन्होने कहा कि “दिलो में मोहब्बत लबों पर खुशी है, ऐसे हमने डीएम साहब पाई, बधाई हो बधाई डीएम साहब को बधाई, सभी के दिलों से दुआ है यह पाई, बधाई हो बधाई डीएम साहब को बधाई“ इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन पीपी सिंह ने कहा कि आपने जो सफलता अर्जित की वह वाकई बहुत बड़ी उपलिब्ध है। इस उपलिब्ध से आजमगढ़ के बच्चों में एक उत्साह का संचार हो गया है। उन्होने कहा कि सिर्फ पढ़ाई करके उच्च पदों पर ही पहुॅच कर नाम नही कमाया जा सकता है बल्कि खेल के क्षेत्र में भी सफलता प्राप्त कर आप अपने देश, प्रदेश तथा जनपद का नाम रोशन कर सकते है। उपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ने इस अवसर पर कहा कि जिलाधिकारी ने कोई एक दिन में खेल कर यह गोल्डमेडल प्राप्त नही किया है बल्कि उन्होने यह सफलता प्राप्त करने में पिछले 8 वर्षो के लगातार परिश्रम एवं लगन का परिणाम है। वे जहां भी जिस भी जिले में थेे वे अपने व्यस्त्तम समय में से खेलने के लिए समय निकाल कर खेलते थे। जिलाधिकारी हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है। इन्होने अपने देश का नाम एशिया में रोशन किया। इसी कड़ी में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने अपना अनुभव शेयर करते हुए बताया कि हम और जिलाधिकारी महोदय एक बार किसी मीटिंग मेें लखनऊ जा रहे थे उन्होने कहा कि अभी मीटिंग 10.00 बजे से है तो अभी दो घन्टे बैडमिन्टन खेल लेते है। अभी हमारे आरंभिक ट्रेनिंग है इस दौरान हमें एक सीख मिली है कि हमलोग भी नौकरी करने के साथ-साथ भी किसी अन्य क्षेत्र में भी सफलता हासिल कर अपने देश का नाम रोशन कर सकते है। हम सभी को जिलाधिकारी के सफलता से सीखने की जरूरत है। तथा इसी क्रम में डीडीसी ऋतु सुहास ने भी अपने अनुभव शेयर किया। उन्होने कहा कि जिलाधिकारी के आजमगढ़ आगमन पर हुआ रोड शो बारात जैसे लग रहा था आज तो रिसेप्शन जैसा माहौल हो गया है। जिलाधिकारी ने इस सफलता के लिए बहुत प्रयास एवं मेहनत किये। उन्होने कहा कि किसी लक्ष्य को पाने में मेहनत का 99 प्रतिशत तथा भाग्य का 1 प्रतिशत भूमिका होती है। उन्होने युवाओं से कहा कि आप को जो भी चीज करने में बहुत ही मन लगता है उसे जरूर करें तो उस क्षेत्र में सफलता अवश्य मिलेगी। हम लोग तो कर्नाटक के है लेकिन आजमगढ़ के लोगों द्वारा जो प्यार मिला उसके लिए हम अपने दिल के गहराईओं से धन्यवाद देना चाहती हूॅ। इस क्रम में जिलाधिकारी ने सबसे पहले कलेक्ट्रेट परिवार को धन्यवाद दिया। उन्होने कहा कि हम आइएस एकेडमी 2007 में आये तो हम उस समय अपने साथ के सभी लोगों को खेल में हरा दे देते थें। तब हमें एक ऐसे खिलाड़ी से मिले और उनसे खेलने के दौरान पता चला कि अभी मुझमें बहुत कमी हैं। तब से हमने यह सिखा कि हमे अपना खेल हमेश बेहतर खेलने का प्रयास करना चाहिए। खेलते समय हमने अपना ध्यान सिर्फ खेल में रखा। आज सबसे बड़ी चुनौती है कि हमारा दायित्व और बढ़ गया है कि जनता की सेवा तथा प्रशासनिक कार्यो के साथ खेल में बेहतर प्रदर्शन करना है। हम जब खेल मे होते है तो सिर्फ खिलाड़ी होते है जब डयूटी पर होते है तो सिर्फ जिलाधिकारी होते है। उन्होने चीन में खेले गये खेल के बारे में बताया कि मैं वर्ल्ड रैकिंग में न होने के कारण मुझे अलग से कड़ी मेहनत करना पड़ा। उन्होने बताया कि अगर जिन्दगी में सफलता चाहिए। जब जो जिलाधिकारी की कुर्सी पर बैठे है तो जिलाधिकारी रहना होगा, अगर यदि खेल के मैदान में रहे तो हमे खिलाड़ी रहना होगा। उन्होने बताया कि वहा पर किसी को पता नही था कि मैं जिलाधिकारी हूॅ। जब उन लोगों को पता चला कि मैं जिलाधिकारी हूॅ तो वे लोग कहने लगे कि हम लोग तो सोच रहे थे कि आप एक खिलाड़ी है। आप प्रशासनिक कार्यो के साथ-साथ कैसे खेल के बीच सामन्जय बना लेते है। हमे ताजूब हो रहा है। उन्होने कहा कि जब मैं लौट कर आया तो मुझे उम्मीद नही था कि जनता का इतना प्यार मिलेगा। जो प्यार आजमगढ़ जिले में ही जो प्रदेश स्तर से सम्मान मिला वह हमारे लिए बड़े ही गर्व की बात है। उन्होने बताया कि बैडमिन्टन में फिटनेस के साथ-साथ दिमाग का भी फिट रहना आवश्यक है। उन्होने कहा कि आज जो हमें आजमगढ़ का प्यार मिल रहा है वह अरबों रूपये खर्च करके भी नही मिल सकता है। इस अवसर पर समस्त उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, कलेक्ट्रेट परिवार, जिला स्तरीय अधिकारी, समस्त कर्मचारी गण उपस्थित थें।
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