आजमगढ़ : लोक संस्कृतियों को प्रदर्शित करता राष्ट्रीय एकता अखण्ड़ता को मजबूत करने के उद्देश्य से हुनर संस्थान आजमगढ़ द्वारा आयोजित ‘‘हुनर रंग महोत्सव’’ की दूसरी शाम स्व0 मंगलचन्द्र अग्रवाल को समर्पित रही। कार्यक्रम का उद्घाटन पराग डेयरी के जनरल मैनेजर कन्हैया यादव, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद आजमगढ़ श्रीमती इन्दिरा जायसवाल, डा0 अमित सिंह ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन तथा स्व0 मंगलचन्द्र अग्रवाल को श्रद्धा सुमन अर्पित कर किया। आमंत्रित अतिथियों का स्वागत स्वागताध्यक्ष अभिषेक जायसवाल दीनू एवं संस्थान अध्यक्ष मनोज कुमार यादव ने माल्यार्पण कर किया। राष्ट्रगान के साथ सांस्कृतिक संध्या प्रारम्भ हुई। सर्वप्रथम स्थानीय प्रस्तुतियों के साथ अखिल भारतीय नाटक एवं लोकनृत्य प्रतियोगिता प्रारम्भ हुई। प्रतियोगिता आरम्भ होने के साथ ही हुनर रंग महोत्सव ने एक इतिहास रच दिया जिसमेें 50 से उपर नृत्य तथा 5 नाटकों का मंचन अतिथि कलाकारों ने किया। मां दुर्गा एजुकेशनल एण्ड कल्चरल सोसायटी साहसपुर गंजम ने रंजीत पटनायक द्वारा लिखित राजगोपाल पाणी के निर्देशन में उडीया नाटक लोभ का मंचन किया। नाटक के प्रमुख पात्रों में राजगोपाल पाणी, सुशांत पाणीग्रही, भगवान मलिक, संतोष महापात्रा, शिवा सेठ शेट्टी थे। दूसरी नाट्य प्रस्तुति द वूमन एण्ड कल्चरल इण्टीग्रीटी डवलपमेंट एशोसिएशन द्वारा पौराणिक नाटक उपासुनन्दा एण्ड सुनन्दा का मंचन एच0 विनोदिनी देवी व एच मंगलम सिंह के निर्देशन में मणिपुरी भाषा में किया गया। जिसमें व्यासकर ने माधव, एच0 मंगलम ने विष्णु, एच0 विनोदिनी ने उपानन्दा, एच0 होमाडोनालिमा ने सुनन्दा, भागिनी ने मोहिनी का किरदार निभाया। तीसरी नाट्य प्रस्तुति कालिका डांस एण्ड म्यूजिक एकेडमी राउरकेला द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नर्तकी जीनत बेगम के स्वतंत्रता आन्दोलन से जुडी कहानियों को लेकर नाटक शहीद रानी जीनत बेगम का मंचन धनेश्वर साहू के निर्देशन में किया। तृष्णा ग्रुप छत्तीसगढ द्वारा हिन्दी बंगला भाषा में नृत्य नाटिका चण्डालिका का मंचन नरेन्द्र कुमार ध्रुव के निर्देशन में मनमोहक नृत्य नाटिका की प्रस्तुति ने दर्शकों का दिल जीत लिया। पांचवी नाट्य प्रस्तुति नटराज नृत्य परिषद राउरकेला उडीसा द्वारा हिन्दी में परिभाषित नाटक एक नयी खोज का मंचन प्रवीण जेना के निर्देशन में किया गया। नाटकों और नृत्यों की प्रस्तुतियों ने इस कदर बांधे रखा कि दर्शक देर रात तक बैठे रहे। समूह नृत्यों का दौर शुरू हुआ। सर्वप्रथम परिचय ग्रुप उडीसा द्वारा दिल्ली दुर्घटना पर आधारित समूह नृत्य बेटी बचाओ की प्रस्तुति की गयी। गीतांजली डांस एकेडमी द्वारा असम का पारंपरिक लोकनृत्य बीहू की प्रस्तुति कर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। छोटे-छोटे बच्चों की मंझी हुई प्रस्तुति ने सभी का दिल जीत लिया। संगीता नायक, अतरीटा मलिक, नान्जारिका बनर्जी, प्रियंका विश्वाल ने सेमीक्लासिकल नृत्य की प्रस्तुकी कर दर्शकांे का दिल जीत लिया। शीतल शिवांगी शुभदर्शिनी ने शास्त्रीय मृदुष्मिता दास ने सतरिया शास्त्रीय नृत्य, मधुस्मिता मलिक ने शास्त्रीय प्रस्तुत किया। इस अवसर पर डा0 सी के त्यागी, रमाकान्त वर्मा, गौरव मौर्य, शरीफुन्जमा, अजेन्द्र राय, बृजेन्द्र पाण्डेय, मनोज बरनवाल, दीनानाथ लाल श्रीवास्तव, विनय कृष्ण अष्ठाना, नीरज अग्रवाल, के0एम0 श्रीवास्तव विशेष रूप से उपस्थित थे। महोत्सव का संचालन सुनील दत्त विश्वकर्मा ने किया। महोत्सव को सफल बनाने में हेमन्त श्रीवास्तव, सुषमा जावलेकर महाराष्ट्र डा0 शशिभूषण शर्मा, मनोज कुमार मौर्य, राकेश, अमरजीत विश्वकर्मा, मनीष, अश्वनी सारस्वत, सत्यम शर्मा, कमलेश सोनकर, सुनील मौर्या, जावेद, सावन प्रजापति, सहित सभी संस्थान पदाधिकारी व नागरिक उपस्थिति थे।
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