मुबारकपुर (आज़मगढ़)। नोटबंदी के 23वें दिन भी मुबारकपुर नगर स्थित करीब आधा दर्जन से अधिक बैंकों के बाहर कतारों में तनिक भी कमी नजर नहीं आयी, जिसकी पड़ताल करने हेतु प्रमुख बैंकों के शाखा प्रबंधकों से मुलाकात की गयी। मुबारकपुर नगर में करीब आधा दर्जन बैंक सेवारत् हैं। जहां प्रतिदिन नगद भुगतान और धनराशि जमा करने हेतु लम्बी लम्बी कतारें लगती हैं। आज बृहस्पपतिवार को भी प्रातः से ही तमाम बैंकों के बाहर लोगों की लम्बी-लम्बी कतारें देखी गयीं, जिसकी पड़ताल हेतु यूनियन बैंक आफ इण्डिया शाखा मुबारकपुर के षाखा प्रबन्धक एपी सिन्हा से मुलाकात की गयी, इस दौरान उन्होंने बताया कि हमें जो भी कैष मिलता है उकसो दो श्रेणियों में ग्राहकों को बांटने की व्यवस्था की जाती है। पहले जो कतार में लगे हैं दूसरे वह जिनको नगदी की अधिक आवश्यकता होती है जैसे मरीज और शादी विवाह जैसी आवश्यकताओं हेतु। उन्होंने आगे बताया कि हमारी शाखा को प्रतिदिन दस लाख की धनराशि बैंक ग्राहकों में वितरित करने हेतु उपलब्ध करायी जाती है किसी किसी दिन यह रकम घट कर भी आती है। स्टेट बैंक आफ इण्डिया शाखा मुबारकपुर के प्रबन्धक ओपी तिवारी, ओरिएण्टल बैंक आफ कामर्स के शाखा प्रबन्धक अंकित भारद्वाज, एचडीएफसी बैंक षखा मुबारकपुर के प्रबन्धक केके राय, आदि ने मिली जुली प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता बैंक उपभोक्ताओं को वह सारी सुविधा मुहैया कराना है जो बैंक उन्हें दे रही है, लेकिन भीड़ अधिक होने के कारण इसमें कुछ परेशानियां आ रही हैं। जिस दिन हमें कैश प्राप्त नहीं होता उस दिन नोटिस बोर्ड पर कैश नहीं होने की नोटिस चस्पा करदी जाती है। शाखा प्रबंधकों ने पुलिस प्रशासन का पूरा सहयोग न मिलने की भी बात कही, जिसके कारण अक्सर बैंकों के बाहर कतार में लगे लोग अनियंत्रित हो कर बैंक कर्मियों से उलझ जाते हैं और कार्य में बाधा उत्पन्न करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि बैंक को जो भी धनराशि उपलब्ध करायी जाती है उसी आधार पर उपभोक्ताओं में वितरित करदी जाती है।
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