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दलीय सीमा को तोड़ धूमधाम से मनाई गयी बाबू बागेश्वर जी की जयंती

बाबू बागेश्वर ने रामनरेश यादव व चन्द्रजीत यादव को राजनीति में स्थापित किया - रामकृष्ण

आजमगढ़। बाबू बागेश्वर जी की 104 वीं जयंती गुरूवार को बड़े ही धूम धाम से कलेक्ट्री कचहरी स्थित रिक्शा स्टैण्ड पर मनायी गयी। जयंती में सभी राजनैतिक दलों के लोगों ने भागीदारी देते हुये दलीय सीमा को तोड़कर बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व सांसद व उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के उपाध्यक्ष रामकृष्ण यादव व विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री दलसिंगार यादव रहे। वरिष्ठ पत्रकार बनवारी लाल जालान तथा विभिन्न दलों के नेतागण ने अपने विचार व्यक्त किये।
पूर्व मंत्री दलसिंगार यादव ने कहाकि उस जमाने में जिधर बागेश्वर जी चलते थे उधर ही पूरा समूह चल देता था। उनके जैसा जननेता न हुआ है न होगा। पूर्व सांसद रामकृष्ण यादव ने कहाकि बाबू बागेश्वर ने पूर्व मुख्यमंत्री रामनरेश यादव व चन्द्रजीत यादव को राजनीति में स्थापित किया और दलित एवं पिछड़े समाज के लिए आजीवन संघर्ष किया। पूर्व प्राचार्य डा0 द्विजराम ने कहाकि उन्होने समाज के कुप्रथा के विरूद्ध मजबूत लड़ाई लड़ी और राजनीति में निःस्वार्थ काम किया, कभी अपने लिये कुछ नहीं किया। वरिष्ठ पत्रकार बनवारी लाल जालान ने कहाकि बाबू जी ने अपना पूरा जीवन दबे, कूचलें लोगों के उत्थान में समर्पित कर दिया। उन्होने जो सामाजिक आंदोलन चलाये वे बेमिशाल थे। जनार्दन विद्यार्थी ने कहाकि बाबू बागेश्वर की जयंती सबसे लम्बे समय से जयंती मनायी जाती है। उनके संघर्षों के दीप हम लोग जलाते रहेंगे। प्रबन्धक लालता प्रसाद यादव ने कहाकि बागेश्वर जी ने राजनीति में लोगों को सिर्फ दिया अपने लिये कुछ नहीं लिया। भाजपा महामंत्री ब्रजेश यादव ने कहाकि बाबू बागेश्वर जी ने अपने समय के पिछडे़ समाज की चुनौतियों को पहचाना और मजबूत संघर्ष किया इसलिये आज हम उन्हे याद करते है। कांग्रेस नेता मुन्नू यादव ने कहाकि बाबू जी के शिष्य रहे रामनरेश व चन्द्रजीत यादव ने उनकी प्रेरणा से बहुत ऊंचा मुकाम हासिल किया। कांग्रेस नेता रामकेश यादव ने कहाकि बाबू जी ने बहुत विषम परिस्थितियों में राजनीतिक व सामाजिक कार्य किया। आफताब आलम कुरैशी ने कहाकि बाबू दलितों, शोषितों व पिछड़ों के नेता रहे। शाह शमीम ने कहाकि बाबू बागेश्वर ने सामंती प्रवृत्ति के लोगों विरूद्ध मजबूत आंदोलन खड़ा किया था। आयोजन समिति के सदस्य केके यादव ने कहाकि राजनीति की सफाई करके हमें नई शुरूआत करनी होगी वहीं सच्ची श्रद्धांजलि होगी। डा. राजेन्द्र यादव ने कहाकि यह बाबू बागेश्वर जी के आंदोलनों की देन है कि चौधरी चरण सिंह ने कहाकि मैं बागपत छोड़ सकता हूँ आजमगढ़ नहीं। शत्रुघ्न चौहान ने कहाकि आज पिछड़ों व दलितों की जो ताकत आजमगढ़ में दिखती है उसके पीछे बाबू बागेश्वर जी का अथक श्रम है। उन्होने शोषित संघ बनाकर सामंतों के विरूद्ध बड़ी लड़ाई लड़ा था। कार्यक्रम को उमाशंकर मिश्र, डा. विजय यादव. दीपचन्द विशारद, जगरनाथ कवि जी, बाकेलाल यादव, दयाराम यादव आदि ने भी सम्बोधित  किया। कार्यक्रम का संचालन तेज बहादुर यादव जी ने करते हुये कहाकि बाबू बागेश्वर जैसा नेता होना बहुत मुश्किल है। इस अवसर पर बाबू बागेश्वर जी के पौत्र एवं संयोजक आम आदमी पार्टी आजमगढ़ ने कसभी आगन्तुकों के प्रति आभार प्रकट करते हुये कहाकि बाबू बागेश्वर जी ने जिस लड़ाई को छेड़ा था उसे अंजाम तक पहुंचाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धाजंलि होगी। जयंती समारोह में कमलेश सिंह, डा. अमित यादव, डा. शिवकुमार, शाहिद खां, चक्रवर्ती यादव, तनवीर रिजवी, नेहाल खां, विवेक यादव, गौरव यादव, आरडी यादव, चन्द्रशेखर यादव, गुलाब यादव, अशोक यादव, जमुना यादव, रमापति यादव, रामचेत यादव, रामचन्द्र यादव, जित्तई यादव, मो. आरिफ मन्नू, तनवीर कमाल खां, इसरार अहमद, जयजय राम प्रजापति, सल्टन राम कवि, उमेश यादव, सुमित चौहान, नुरूज्जमा, अमरजीत यादव, प्रदीप राय सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत्त वरिष्ठ शिक्षक मोहम्मद अली ने किया।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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