आज़मगढ़: राष्ट्रीय ओलमा कौन्सिल ने कांग्रेस की मुख्यमंत्री उम्मीदवार शीला दीक्षित के आजमगढ़ प्रथम आगमन पर पार्टी के प्रदेश युवा अध्यक्ष नुरूलहुदा के नेतृत्व में शीला दीक्षित के जन जागरण रथ को काला झण्डा दिखाकर विरोध जताया। झण्डा दिखाते ही पुलिस बल वहां पर पहुंचकर नुरूलहुदा से झण्डा छिनने का प्रयास करने लगे इस बीच कुछ देर तक पुलिस से उलेमा कार्यकर्ताओं की नोक झोक भी हुयी। मामला बिगड़ता देख नुरूलहुदा को पुलिस हिरासत मे लेकर कोतवाली ले आयी। नुरूलहुदा ने कहां कि 2008 में जिले के दो नौजवानों आतिफ और साजिद को बटला हाउस फर्जी इन्काउन्टर में शीला सरकार (दिल्ली) ने आतंकवादी के नाम पर सिर्फ मारा ही नही बल्कि कांग्रेस पार्टी अल्लामा शिब्ली नोमानी राहुल सांस्कृत्यायन, कैफी आजमी, पंडित हरिऔध उपाध्याय की पाक सरज़मी को आतंक की नर्सरी तक कह डाली। 2008 में इनके शासन काल में कौन्सिल कार्यकर्ताओं के द्वारा इतना विरोध प्रदर्शन के बाद भी पूर्व दिल्ली मुख्यमंत्री ने एक मजिस्ट्रेटिव जांच तक नहीं करायी। आज इस आतंकवाद की नर्सरी में क्या करने के लिए आयी है। आजमगढ़ की जनता यह जानना चाहती है। नुरूलहुदा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 27 साल यू0पी0 बेहाल तो 70 साल मुसलमान लाचार का जिम्मेदारी कौन। बेगुनाह नौजवानो को जेल में डालने वाला कौन। सरकारी नौकरियों में हफतल्फी करने वाला कौन। इस अवसर पर साबिर खान, वसीम, अब्दुल्लाह आज़म, सहनवाज, सद्दात उपस्थित थे।
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