आजमगढ़ : शारदीय नवरात्रि की पूर्व संध्या पर जनपद के सभी देवी मंदिरों की विधिवत साफ-सफाई, रंगाई-पुताई हुई। मां के दरबार को रंग-बिरंगी विद्युत झालरों से आकर्षक तरीके से सजाया-संवारा गया है। नवरात्रि की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को देर रात तक श्रद्धालुओं ने पूजन सामाग्रियों की खरीददारी की जिससे शहर में देर रात तक चहल-पहल दिखी। पूजन सामाग्रियों की खरीददारी के लिये देर रात तक बाजार में लोगों की भीड़ रही। भीड को देखते हुये पूजन सामाग्रियों की दुकानें देर रात तक खुली रही। नवरात्र को देखते हुये फल व फूल सहित पूजा पाठ के सामानों की कीमतें आसमान पर रही। सनानत धर्म एवं संस्कृति में नवरात्र का विशेष महत्व है। यह मां दुर्गा शक्ति की साधना का महापर्व है। नवरात्र व्रत से कल्याण होता है। यह नवसृजन, उन्नायन, उल्लास, मंगल का विशेष अनुष्ठान है। हिन्दू शास्त्र और पुराण भगवती की गाथा का निरन्तर शोगान करते हैं। शक्ति ही जीवन है, शक्ति ही धर्म है, शक्ति ही गीत है, शक्ति ही आश्रय है, शक्ति ही सर्वस्व है। इसी से सर्व कार्य सिद्घ होते हैं। अतएव हमें परमात्मा रूपा महाशक्ति को अनन्य रूप से अविलम्ब ग्रहण करना चाहिये। कहते हैं कि इस कलियुग में सम्पूर्ण त्रासदी से मुक्ति का एकमात्र उपाय शक्ति देवी भगवती दुर्गा का वन्दन नमन ही है। मंगलमयी भगवती दुर्गा के उदगार है, नवरात्र में जो भी देवता, दानव व मानव सम्पूर्ण आस्थाा अर्थात तन-मन-धन एवं भक्ति से मेरी पूजा-अर्चना करता है, उपसना, व्रत या फिर साधना रेगा मैं उसके सकल मनोरथ पूर्ण कर निरन्तर उसकी रक्षा और कल्याण के निमित्त तत्पर रहूंगी। 01 अक्टूबर से शुरू हो रहे नवरात्रि पर्व को देखते हुये शुक्रवार को बाजार में काफी चहल पहल रही। देर रात तक पूजा सामाग्रियों एवं फल आदि की खरीददारी के लिये बाजार में भीड़ रही। नवरात्रि की पूर्व संध्या पर जहां देवी मंदिरों की साफ-सफाई की गयी वहीं मंदिरों को रंग बिरंगी विद्युत लाइटों से आकर्षक तरीके से सजाया-संवारा गया है। साथ ही साथ घरों की भी नवरात्र के मद्देनजर साफ-सफाई की गयी। नवरात्र के मौके पर शनिवार से आगामी 10 दिनों तक घर-घर में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की गयी जायेगी तथा देवी की प्रतिमा व कलश की स्थापना की जायेगी। नवरात्र को लकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है तो मंहगाई का भी साफ असर दिखाई दे रहा है।
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