लाटघाट: आजमगढ़ : वैसे तो देश भर में बाढ़ की विभीषिका कीचर्चा हो रही है और अब तो पूर्वांचल के जनपदों में भी बढ़ का कहर दिखने लगा लेकिन जहाँ आजमगढ़ जनपद के सगड़ी तहसील में उत्तर दिशा में बहने वाली प्रलयकारी घाघरा अपने विनाश लीला के लिए प्रसिद्ध है किन्तु इस बार घाघरा का वह रूप अभी तक सामने नहीं आया जलस्तर में बढ़ाव व् घटाव निरन्तर लगा रहा । देवारा छेत्र के लोग बाढ़ का बेसब्री से इंतजार करते है वह पहले से ही उससे निपटने की तैयारी करके रखते है बाढ़ से जहाँ जन जीवन अस्त व्यस्त व् परेशानियों से भरपूर होता है वहीँ बाद की फसल के उपज में वृद्धि होती है । वर्तमान हालात में घाघरा नदी के जल ने 11 गाँवो की 20 हजार की आबादी ओ प्रभावित किया हुआ है। सोनोरा , देवराखास राजा , शाहडीह , बांका बुढ़नपट्टि , चक्की व् मुरालिका पुरा आदि गांवों में जन जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है । लोगो के सैकड़ो बीघा खेत नदी के कटान से प्रभावित हुए है जिससे किसानो को खेत के कटाव से काफी नुकसान उठाना पड़ा । वहीँ स्थानीय बाढ़ चौकियो का संचालन सिर्फ कागजो पर दिखा , स्वास्थ्य सेवाये भी न के बराबर रही , गांव में छिड़काव नही हो सका , जल व् संक्रमण से होने वाली बीमारी का भय बना हुआ है । कुल 7 नावों का संचालन किया जा रहा है जिनमे चक्की गाँव में तीन , बांका गांव में एक , शाहडीह गांव में एक , सोनोरा गांव में दो नावों का संचालन हो रहा । इन गांवों में आवागमन की किल्लत हो रही विशेषकर विद्द्यार्थियो को व् किसान रोजमर्रा के समानो के लिए परेशान होते है । बाढ़ प्रभावित इन् गांवों में दूषित जल पीने के लिए ग्रामीण मजबूर है दूषित जल से भाँति भाँति की बीमारियो का प्रकोप हो रहा है छिड़काव न होने से भी मच्छर व् खुजली से ग्रामीण ग्रस्त है । वहीँ घाघरा नदी का जलस्तर 24 घंटों में 24 सेमी घटा नदी खतरे के निशान के नीचे आ गयी है लोगो में नदी के घटने से सन्तोष हुआ किन्तु जल ले जमाव से होने वाली बिमारिया अपना शिकार बना सकती है । बरदहुआ बंधे पर खतरा बिंदु 71.62 मीटर है 71.66 मीटर से आज शाम 4 बजे 71.46 मीटर पर बनी हुई है । वहीँ डिघिया बंधे पर खतरा बिंदु 70.40 मीटर पर है कल शाम 70.64 मीटर से आज शाम 4 बजे 70.40 मीटर दर्ज किया गया ।
बारिश व् तेज धुप ने भी ग्रामीणों में बीमारी हुई है लोग वायरल फीवर से ग्रसित है स्थानीय स्तर पर सेवाएं नही मिल प् रही है जिसका लोगो में मलाल दीखता है । बाढ़ को झेलने की आदत देवरावसियो में है किन्तु प्रशासन की उदासीनता से इन लोगो में रोष है विभिन्न अधिकारियो द्वारा दौड़ा किया गया किन्तु उनको आश्वासन के सिवाय कुछ हाथ नही लगा । उनकी समस्याएं उसी प्रकार बनी हुई है ।
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