आज़मगढ़ 31 अगस्त 2016-- मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 एस0के तिवारी ने बताया कि बारसात के मौसम में डेंगू फैलने की सम्भावना अधिक हो जाती है, जिसके लक्षण, सर्दी के साथ अचानक तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेसियों एवं जोडो में दर्द, आखों के पीछे दर्द, जी मिचलाना एवं उल्टी गम्भीर मामलों में नाक, मुंह, मसूडो से खून आना और त्वचा में चकत्ते पड़ जाते है। उन्होने जनपद के जनसाधारण से अपील किया है कि डेंगू से बचने के लिए क्या करेंः- घरों के आस पास पानी इकट्ठा न होन दे क्योंकि रूके हुए पानी में मच्छर पैदा होते है, घरों के आस पास जमा पानी में मिट्टी का तेल, जला हुआ मोबिल आयल का छिडकाव करें, घर, गली, मोहल्ले में साफ-सफाई बनाये रखें, कूलर सप्ताह में एक बार साफ करें, सुखाऐं इसके बाद प्रयोग करें, डेंगू का मच्छर दिन में काटता है, इसलिए पूरी बाॅह के कपडे पहने एवं खिडकी में जाली लगवाऐं, टूटे बर्तन, टायर एवं टीन के डब्बे के अन्दर बरसात का पानी न इकट्ठा होने दें, मच्छरदानी का प्रयोग करें, मच्छर रोधी क्रीम/अन्य उपायों का उपयोग करें, बुखार के आने पर खून की जाॅच अवश्य करायें, बुखार होने पर एस्प्रिन, आईब्यूप्रोफेन , कार्टिसोन एवं एन्टीबायोटिक का प्रयोग न करें, बुखार के आने पर नजदीकी के प्रा0स्वा0केन्द्र/सामु0स्वा0केन्द्र पर उपचार करायें। उन्होने यह भी बताया कि क्या न करेः-घरों के आस पास गन्दगी न फैलायें एवं जनभराव न होने दें, किसी भी बुखार के रोगी को यदि वह असहाय है तो उसे बिना उपचार के न रहने दें, कूलर में गन्दे पानी का प्रयोग न करे, अप्रशिक्षित डाक्टरों द्वारा उपचार न करायें एवं असहाय रोगी के खून की जाॅच बिना प्रशिक्षत डाॅक्टर के ना करायें, टूटे बर्तन व टायर न जमा होने दें तथा घर के आस पास गन्दगी न फैलायें, खुले में सोने से बचें, खून की जाॅच सरकारी अस्पताल में एवं रजिस्टर्ड पैथालाजिस्ट से कराये, बिना चिकित्सक के सलाह के दवा का सेवन न करे, किसी झोलाछाप डाक्टर से इलाज न करायें।
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