आज़मगढ़ (संवाददाता)। हिन्दी पत्रकारिता में अपने निराली छवि से पहचान बनाने वाले ‘‘रणतूर्य’’ हिन्दी दैनिक समाचार पत्र के संस्थापक सम्पादक स्व0 श्री धनुषधारी सिंह की चौथी पुण्य तिथि मंगलवार को रणतूर्य समाचार पत्र कार्यालय में मनायी गयी। इस मौके पर उपस्थित नगर के संभ्रान्त लोगों ने सम्पादक जी द्वारा अपनी लेखनी से दिलाये गये न्याय को याद करते हुए कहा कि सम्पादक जी के समय में पत्रकारिता एक मिशन थी लेकिन आज यह पूरी तरह व्यवसाय में बदल गयी है। बाबू जी के नाम से जनपद ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वांचल में अपने छवि बनाने वाले रणतूर्य के सम्पादक श्री धनुषधारी सिंह भले ही आज हमारे बीच नहीं है लेकिन उनके द्वारा निकाला गया रणतूर्य अखबार उनको हम सबके बीच हमेशा रखता है। लोगों ने यह भी कहा कि वह हमारे आदर्श है आज हमें उनके पद चिन्हों पर चलकर कुछ करने की जरूरत है। ग्रामीणांचल से आये कई पत्रकारों ने भी अपने विचार रखें। इस मौके पर सम्पादक जी के सुपुत्र वर्तमान सम्पादक राजकुमार सिंह ने कहा कि पिता जी द्वारा जो बना दिया गया है आज उसी को सहेजने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि आज हम जहां भी जाते है रणतूर्य का नाम लेते ही लोग पिता जी का याद कर बरबस कह उठते है बाबू जी जैसा नेक इन्सान अब इस दुनिया में दोबारा नहीं आयेगा। सम्पादक द्वारा कार्यालय में आयोजित गोष्ठी में कुछ गरीबों को सहायता राशि दी गयी। अतः में आये हुए अतिथियों के प्रति महेन्द्र सिंह ने आभार व्यक्त किया। इस मौके पर कृष्ण कुमार सिंह, देवेन्द्र सिंह, शार्दुल सिंह, आदर्श सिंह, गौरी सिंह, प्रयाग सिंह,, टी0एस0 पाण्डेय, दुर्गेश श्रीवास्तव तमाम पत्रकारों सहित उपस्थित थे।
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