आजमगढ़ : होमियोपैथी चिकित्सा विधा के जनक डा0 सैमुअल हैनीमन का नाम सदैव इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज रहेगा। उन्होंने वर्षों तक कठिन परिश्रम एवं सतत् अनुसंधान से समानता के सिद्धांत पर आधारित होमियोपैथी रूपी चिकित्सा पद्धति का आविष्कार करके पूरे विश्व को एक अमोघ अस्त्र प्रदान किया है जिसके द्वारा अनेकोनेक रोगों का इलाज सरलता से किया जा सकता है। उनके इस कृत्य के लिए संपूर्ण मानव जाति सदैव उनकी ऋणी रहेगी। उक्त बातें केन्द्रीय होम्योपैथिक परिषद (आयुष मंत्रालय) के सदस्य डा0 भक्तवत्सल ने खत्रीटोला में होमियोपैथिक मेडिकल एसोसिएशन आजमगढ़ द्वारा आयोजित डा0 हैनिमन के निर्वाण दिवस के अवसर पर कहीं । उन्होंने कहा कि अत्यंत दुःख की बात है कि शासन द्वारा होम्योपैथी की उपेक्षा की जा रही है। उत्तर प्रदेश के सात सरकारी कालेजों में शिक्षकों का अभाव है। पठन-पाठन बाधित है। कोई भी कालेज केन्द्रीय होम्योपैथिक परिषद के मानकों को पूरा नहीं कर रहा है, राज्य सरकार को कई बार अवगत कराया जा चुका है। प्रदेश के किसी सरकारी कालेज में एम.डी. पाठ्यक्रम नहीं है। जिससे यहां के छात्रों को बाहर जाना पड़ता है और उनका अनेक प्रकार से शोषण होता है। विगत दिनों होमियोपैथिक चिकित्साधिकारियों की निुयक्त का इंटरव्यू होना था, पता नहीं किन कारणों से ठंडे बस्ते में है। उन्होंने मांग की कि होमियोपैथी में नये रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाये। नेशनल हेल्थ प्रोग्राम में होमियोपैथी को शामिल किया जाय। आयुष के बजट में 40 प्रतिशत आयुर्वेद, 40 प्रतिशत होमियोपैथी, 20 प्रतिशत यूनानी को दिया जाय। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डा0 नवीन दूबे ने कहा स्वस्थ भारत की कल्पना बिना होमियोपैथी को बढ़ावा दिये बिना नही की जा सकती। सभा को डा0 राजेश तिवारी, डा0 ए.के. राय ने भी संबोधित किया। उक्त अवसर पर डा0 एस.के. राय, डा0 अभिषेक राय, डा0 राजकुमार , डा0 प्रभात, डा0 सी.जी. मौर्या, डा0 बी. पाण्डेय, डा0 देवेश दूबे, डा0 चमन लाल, डा0 नेहा दूबे, डा0 गिरीश सिंह, डा0 प्रमोद गुप्ता, डा0 अजय, डा0 अहद, डा0 प्रसन्नजीत, डा0 मुश्ताक, डा0 रणधीर सिंह, डा0 सुशील मौर्या, डा0 अशोक सिंह, डा0 मनोज मिश्रा, डी.एच.ओ. डा0 हवलदार पटेल, डा0 धर्मराज सिंह, डा0 पुनीत गौड़ आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डा0 देवेश दूबे एवं संयोजन डा0 प्रमोद गुप्ता ने किया।
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