आजमगढ़ : जगत के रक्षक देवाधिदेव महादेव शिव की स्तुति पर्व श्रावण मास का आज पहला सोमवार रहा । सोमवार शिव का दिन माना जाता है जिसका श्रावण मास में महत्व काफी बढ़ जाता है। । मनोवांछित फल की प्राप्ति को भक्त एक माह तक शिव साधना में लीन रहेंगे। ऐसी मान्यता है कि श्रावण मास में सच्चे हृदय से देवाधिदेव महादेव का दर्शन करने मात्र से मानव को शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से छुटकारा मिल जाता है, साथ ही हर मनोकामना पूरी होती है। मान्यता है कि एक माह तक शिवलिंग में बेलपत्र अर्पण करने पर साधक को शिव पुराण एवं शिव महायज्ञ अनुष्ठान कराने के बराबर फल की प्राप्ति होगी। जनपद में भी सावन के पहले सोमवार की शुरुआत हर-हर महादेव और बोल बम के जयकारों से हुई। जनपद के हर मंदिर में सुबह तड़के से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है। नगर के भवरनाथ मंदिर जो ऐतिहासिक मंदिर है यंहा उमड़ रही भारी भीड़ के चलते सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किये गए थे। पहले सोमवार को शिव मंदिरों पर दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन रात से ही व्यवस्थाओं में जुटा हुआ था। इसके अलावा फूल और बेलपत्र की भारी मांग रही । शिव भक्तों ने जल चढ़ाये, तो कहीं दूध, दही, घी धूप, अगरबत्ती, बेलपत्र, माला से अपने अराध्य देव शिव को लोग प्रसन्न करने में लगे रहे। जलाभिषेक करने के शिव भक्तों की लम्बी कतार घण्टो मंदिरों पर लगी रही। नगर क्षेत्र के कई कावरियां संघो ने तमसा नदी से जल लेकर शहर के विभिन्न मार्गों रोडवेज, सिविल लाइन, कोतवाली, मातवंरगंज, लालडिग्गी, पूरानी सब्जी मण्डी, कटरा, पाण्डेय बाजार, ब्रहम्स्थान होते हुए भंवरनाथ भोले बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे। आप को बता दे कि जिस प्रकार से नेपाल की राजधानी काठमाण्डू के बाबा पशुपति नाथ, काशी के बाबा विश्वनाथ और देवघर के बाबा बैजनाथ धाम का अपना खास महत्व है उसी प्रकार से आजमगढ़ वासियों के लिए जनपद में स्थित विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक व प्राचीन शिव मन्दिर बाबा भंवरनाथ का स्थान अपना अलग महत्व रखता है जो किसी ज्योतिर्लिंग से कम नही है। लोगों का मानना है कि सच्चे मन से बाबा भंवरनाथ का जलाभिषेक , पूजन -अर्चन करने से भक्तों को संकटों के भंवरजाल से मुक्ति मिलती है। शायद यही वजह है कि शिव अराधना का कोई भी पर्व आता है तो पूरे जनपद के लोगो का यहां तांता लगने लगता है।
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