स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी का दर्जा दिलानें के लिए भी ली जानकारी
मुबारकपुर/सठियांव/आजमगढ़। सुभाष चन्द्र बोस के चालक कर्नल निजामुद्दीन के घर शुक्रवार को मुबारकपुर थाना क्षेत्र के ढकवां गॉंव में जिला अधिकारी के निर्देश पर एसडीएम सदर अमृतलाल बिन्द अपने मातहतों के साथ जांच करने के लिए पहुंचे। कर्नल निजामुद्दीन को स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी का दर्जा दिलाने की कड़ी में गांव के कई लोगों से जानकारी प्राप्त किये। कर्नल निजामुद्दीन का पहला पूराना नाम सैफुद्दीन बताया जाता है। सुभाष चन्द्र बोस की आजाद हिन्द फौज में अपना नाम बदलकर निजामुद्दीन के रूप में भर्ती हुए और नेताजी के अभिन्न अंगरक्षक के रूप में चालक के पद पर काम किये। उपजिलाधिकारी सदर अमृतलाल बिन्द उनके आवास जाकर उनसे मिले और उनसे व उनके पुत्र अकरम से जानकारी हासिल की तथा ग्रामप्रधान पति अबुजर, नसीम, रामायन सिंह, चिन्तु सिंह, सुफियान आदि लोगों से कलमबन्द बयान लिया और इस जांच की आख्या रिपोर्ट जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को भेजी जायेगी। इस जांच के दौरान उपजिलाधिकारी ने कर्नल निजामुद्दीन के पूछा कि आप कब घर से निकले थे। इस प्रश्न का उत्तर देते हुए कर्नल निजामुद्दीन ने कहा कि जब वे 23 वर्ष की अवस्था के थे तभी वह घर से निकले थे। वह पहले सिंगापुर गये वहां से बर्मा गये वहीं उनकी मुलाकात नेता जी से हुयी और वे आजाद हिन्द फौज के सिपाही नियुक्त होकर नेताजी के चालक के रूप में काम करते थे। इसी क्रम में अगला प्रश्न था कि आजाद हिन्द फौज में कितने फौजी थे। उन्होंने बताया कि लाखों लोग फौज में काम करते थे। फौज का खर्च के बारे में उन्होंने बताया कि आजाद हिन्द के नाम से एक बैंक था। उसी से खर्च का वहन होता था। जांच के बारे में पत्रकारों को उपजिलाधिकारी ने बताया कि अबतक कई विभागों ने जांच किया लेकिन आज मैं जिलाधिकारी सुहास एलवाई के आदेश पर जांच करने आया हूं यह जांच की रिपोर्ट शासन को जायेगी। इस अवसर पर नायब तहसीलदार मिठ्ठू राम, राजस्व निरीक्षक हरीषचन्द यादव, लेखपाल कैलाश यादव, श्रीकान्त राम, आदि लोग मौजूद थे।
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