आजमगढ़। एक तरफ प्रदेश सरकार स्वास्थ सेवाआें को बेहतर बनाने के लिए करोड़ो रूपये खर्च कर रही है वही दूसरी तरफ स्वास्थ विभाग के कर्मचारी व अधिकारी सरकार की इस मंशा पर बट्टा लगा रहे है। यदि ऐसा नही होता तो सोमवार को जिला महिला अस्पताल में कार्यरत्त चिक्त्तिसक व नर्स सवेंदनहिनता का परिचय नही देते। यदि सवेंदनहीन नही होते तो एक नवजात की मृत्यु नही होती । वह निश्चित तौर पर इस दुनिया को देखता। मामला कुछ यू है। रविवार की देर रात को अहरौला थाना क्षेत्र के आखईपुर गांव निवासी किरन यादव 23 पत्नी मिथिलेश यादव रविवार को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। भर्ती के दौरान किरन को देर रात को शौचालय के लिए गई थी। उसी दौरान किरन को बच्चा पैदा हो गया। और किरन अचेत हो गई साथ में उसके परिजनों ने देखा कि किरन को बच्चा पैदा हो गया और बच्चा नीचे गिर गया। आनन फानन में किरन के साथ आई महिलाओ नवजात को उठाया उसे पोछकर डाक्टर के पास ले गई। कुछ देर बाद बच्चे की हालत बिगड़ने लगी। कुछ घंटे के बाद नवजात ने दम तोड़ दिया। इस घटना से गुस्साये परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर नारे बाजी करने लगे। जैसा कि परिजनों ने कहा कि डाक्टरों व नर्सो की लापरवाही के चलते नवजात बच्चे की मौत हुई है। और आये दिन इन्ही लोगो के लापरवाही के कारण जच्चा बच्चा की मौत होती है। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे शहर कोतवाल मो.ईसा खां ने परिजनों को समझा बुझा कर मामले का शांत कराया। इस संबध में पूछे जाने पर महिला अस्पताल की सीएमएस अमृता अग्रवाल ने कहा कि परिजनों ने लिखित पत्र दिया है। मामले की गहनता से जांच की जा रही है। जांच में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। वैसे जब महिला अस्प्ताल में भर्ती थी तो उसे शौचालय या कहीं भी के दौरान उसके साथ कोई स्वास्थ्य कर्मी होना ही चाहिए था।
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