आजमगढ़। गंगा दशहरा का पर्व जनपद के आस्था पूर्वक मनाया गया। मंगलवार को भक्तों ने तीर्थस्थलों पर स्थित नदियों, जलायशों में जाकर स्नान ध्यान किया और गंगा माता की षोडशोपचार पूजन अर्चन कर दान-पूण्य किया। महाराजगंज स्थित भैरो मंदिर के जलाशय में लोग सबेरे-सबेरे गंगा माता का स्मरण करते हुए स्नान किया बाद में गंगा का विधि विधान से पूजन कर यज्ञ हवन दान आदि किया। भक्ति परम्परा में भूमि , पेड़, पौधों, नदियों, पर्वतों तथा वे सभी प्रकृति द्वारा प्रदत्त वस्तुओं पर अपनी अस्थाा प्रकट करते हुए उसके संरक्षण को आस्था भक्त से जोड़ा गया है जिनसे प्राणी को लाभ प्राप्त होता है। हर भक्त गंगा को माता के रूप में पूजता है। पूराणों के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष के दशमी के दिन महाराजा भगीरथ की तपस्या के परिणाम स्वरूप गंगा का धरती पर अवतरण हुआ। गंगा भारत की जीवनदायिनी शक्ति है। इस दिन को पर्व परम्परा में गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है। गंगादशहरा के दिन गंगा नदी के दूरस्थ निवासी भक्त किसी भी तीर्थ स्थल, सरोवर जलायश में गंगा माता का स्मरण करते हुए स्नान करते है। उनका विधिवत पूजन कर दान करते हैं। इस पर्व पर किये गये दान पुण्य का बड़ा महात्म है। इस प्रकार के पापों का तत्क्षण नाथ होता है।
Blogger Comment
Facebook Comment