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नयी नियमावली से होमियोपैथी चिकित्सकों में हर्ष

आजमगढ़.: केंद्रीय होमियोपैथी परिषद के सदस्य डॉ. भक्तवत्सल ने कहा कि बिना होमियोपैथी को बढ़ावा दिये स्वस्थ्य भारत की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। होमियोपैथी चिकित्सा की सबसे सस्ती और विश्वसनीय विधा है। इससे असाध्य रोगों का भी उपचार संभव है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा होमियोपैथी की नई नियमावली को कैबिनेट द्वारा मंजूरी दे दी गयी है। काफी लंबे समय से संवर्ग समीक्षा की मांग चल रही थी। पदोन्नति और एकरसता के अवसर न होने के कारण बीएचएमएस चिकित्सक सरकारी सेवा को लेकर उत्साहित नहीं होते थे। नई नियमावली से चिकित्सकों ने नई ऊर्जा का संचार हुआ है। मीडिया से बात करते हुए डॉ. भक्त वत्सल ने कहा कि चिकित्सा व्यवस्था में सुधार के लिए नगर, तहसील और ब्लॉक स्तर पर चिकित्सकों की नियुक्ति के साथ और पदों के सृजन की आवश्यकता है। प्रदेश के सभी राजकीय होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति करके उन्हें केंद्रीय होमियोपैथिक परिषद के मानक के अनुरूप बनाकर होमियो परस्नातक (एमडी) कोर्स प्रारम्भ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष प्रदेश के हजारों छात्र परस्नातक के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं जहां आर्थिक और मानसिक शोषण होता है। इसे रोकने के लिए परस्तानतक की शिक्षा कालेजों में शुरू करना नितांत आवश्यक है। उन्होंने मुख्यमंत्री को नई नियमावली की स्वीकृति के लिए बधाई दी और कहा कि सरकार के इस फैसले के बाद अब कैडर तय होगा और वेतनमान बढ़ेगा। इससे चिकित्सकों का आकर्षण सरकारी सेवा की तरफ होगा। कारण कि अब तक 1610 अधिकारी 5400 ग्रेड पे पर थे अब 437 पदो को उच्चीकृत किया जायेगा और इन्हें 6600 ग्रेडपे के तहत वेतनमान मिलेगा। डॉ. भक्तवत्सल ने प्रांतीय होमियोपैथिक चिकित्सा संघ के अध्यक्ष डा. विरेंद्र बहादुर सिंह नवाब, सचिव डा. बलिराम एंव केंद्रीय होमियोपैथिक परिषद के सदस्य डा. अनिरूद्ध वर्मा को उनके अथक प्रयास के लिए बधाई दी और कहा कि होमियोपैथिक के विकास के लिए संघर्ष सदैव जारी रहेगा। 
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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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