आजमगढ़। राष्ट्रवादी जनवादी मंच के तत्वावधान में मंगलवार को स्थानीय नेहरू हाल में प्रथम स्वाधीनता संग्राम दिवस मनाया गया। इस मौके पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। जिसकी अध्यक्षता क्रमश: कन्हैया लाल, रामसम्हार एवं महताब ने किया, तथा संचालन डा0 बी0 एन0 गौड़ ने किया। गोष्ठी में विषय प्रवर्तन करते हुए डा0 बी0 एन0 गौड़ ने कहा कि ईस्ट इण्डिया कम्पनी राज के जमाने में देश की आम जनता अंग्रेजों के दमनकारी नीतियों, शोषण व उत्पीड़न की शिकार थी और अंग्रेजी राज का प्रबल विरोध होता था।
10 मई 1857 को भारतीय सैनिकों ने मेरठ की सैनिक छावनी से अंग्रेजी हकूमत के प्रति विद्रोह कर दिया और दिल्ली पर कब्जा कर इस संग्राम को पूरे देश में फैला दिया। अंग्रेजों ने इस संग्राम का बड़ी कू्ररता के साथ दमन किया। हजारों देश के लोग शहीद हो गये। प्रथम स्वाधीनता संग्राम के विफल होने के बावजूद यह आजादी के इतिहास में महत्वपूर्ण हो गया जो हम सभी भारतियों को स्वाधीनता के जज्बे रखने की प्रेरणा सदैव देता रहेगा। स्वाधीनता के लिए और अंग्रेजों को देश से भागने के लिए इस दिन ने जो जोश भरा वह देश की आजादी तक चलता रहा। उन्होंने देश के विकास के लिए विदेशी कम्पनियों को माध्यम मानने को खारिज करते हुए कहा कि वोट की राजनीति के लिए राजनैतिक दल देश की जनता को आपस में बाँट रहे हैं।
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