सुबह में महिलाओं ने घर के बाहर बाट पूजन किया और मन्दिरों में भी देवी को पकवान चढ़ाये और शीश झुकाया। शहर के सिद्ध स्थल दक्षिण मुखी देवी के मन्दिर में भक्तों की इतनी भीड़ रही कि मेला जैसा दृश्य दिख रहा था। लोगों ने देवी को चुनरी चढ़ाकर नारियल फोड़ा। इस दौरान घण्ट-घडिय़ाल की ध्वनियों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो रहा था। नौ दिन व्रत रखने वालो ने कन्याओं को भोजन करा व्रत संकल्प पूरा किया।
परम्परा के अनुसार घर के बाहर बाट पूजन करने के बाद शहर की महिलाओं ने सबसे पहले गौरीशंकर घाट स्थित शीतला माता के मन्दिर में पूजा किया और उसके दक्षिण मुखी देवी के मन्दिर पहुंचीं। उधर नौ दिन व्रत रखकर घरों में दुर्गा सप्तशती का पाठ और अनुष्ठड्ढान करने वालों ने हवन कराया। कहीं लोगों ने खुद मंत्रोच्चारण के साथ इस कार्य को पूरा किया, तो कहीं यह काम पुरोहितों ने सम्पन्न कराये। जहां खुद नहीं हो सका और पुरोहित भी नहीं मिले, उन लोगों ने नजदीक के मन्दिरों मेेें पहुंचकर पुरोहितों से हवन सम्पन्न कराया। हर तरफ हो रहे हवन के धुएं से पूरा वातावरण सुवासित हो उठा।
वहीं दूसरी तरफ राम जानकी मन्दिरों मेें श्रीराम का जन्मोत्सव भी मनाया गया। श्रद्धालुओं ने राम दरबार में पूजा की और आरती उतारी। सिद्ध पीठ पाल्हमेश्वरी धाम पर देवी दर्शन को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। भोर से ही पल्हना देवी के दर्शन के लिए भक्तों की लाइन लगनी शुरू हो गयी थी। सुबह से लेकर शाम तक देवी के जयकारे से पूरा धाम परिसर गूंजता रहा।


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