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पांच दिवसीय उत्सव "देशज" का होगा आयोजन

16 से 20 मार्च 2 तक केन्द्रीय संगीत नाटक अकादेमी और आजमगढ़ प्रशासन करेंगे आयोजन 

आजमगढ़ : संगीत नाटक आकादमी के उप सचिव सुमन कुमार ने बताया कि 16 मार्च से 20 मार्च 2016 तक केन्द्रीय संगीत नाटक अकादेमी, नई दिल्ली लोक एवं पारंपरिक सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों का एक पांच दिवसीय उत्सव देशज का आयोजन, आजमगढ़ जिला प्रशासन के साथ मिलकर करेगी। यह समारोह आजमगढ़ के जजी के मैदान में आयोजित होगा। केन्द्रीय संगीत नाटक अकादेमी आजमगढ़ में पहली बार इस तरह का कोई आयोजन करेगी। संगीत नाटक अकादेमी, नई दिल्ली संगीत, नृत्य एवं नाटक की राष्ट्रीय अकादमी है और संास्कृतिक मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित एक स्वायत्त संस्थान है। अकादेमी देश के सक्रिय कलाकरों, संस्थाओं, लोक, पारंपरिक एवं आदिवासी कलाओं एवं कलाकरों को सहायता, सहयोग व संवर्धन के अवसर प्रदान करने हेतु विविध योजनाएं चलाती है। अकादमी मानवता के अमूर्त सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित और उनके विकास के लिए समर्पित संस्था है।
इस आयोजन देशज में उत्तर प्रदेश की गौरवशाली पारंपरिक लोकप्रिय नाट्य परंपरा नौटंकी के लगभग 15 दल कानपुर, मथुरा, इलाहाबाद, आगरा, लखनऊ आदि जगहों से आएंगंे। इस समारोह में नौटंकी के मशहुर अभिनेता, कलाकार, लेखक, नक्कारावादक, विद्वान तथा शोधार्थी देश के कोने कोने से आएंगे और अपनी कला और अनुभव को साझा करेंगंे। इस समारोह से पूर्व दिनांक 13 मार्च से 20 मार्च 2016 तक आजमगढ़ के स्थानीय एवं आसपास के युवा कलाकरों के लिए नौटंकी के मशहूर कलाकर पंडित राम दयाल शर्मा जी, मथुरावाले के निर्देशन में एक आठ दिवसीय नौटंकी प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन भी होगा। इस समारोह के संयोजक नौटंकी कला के विशेषज्ञ सन्दीपन विमलकान्त नागर होगें तथा स्थानीय संयोजक आजमगढ़ को अनुभवी रंगकर्मी अभिषेक पंडित होगें। प्रतिदिन समारोह का प्रदर्शन अपरान्ह 3.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक होगें। रोजाना 11.00 बजे सुबह से 1 बजे दोपहर तक विचार विमर्श और दस्तावेजीकरण का कार्यक्रम चलेगा। देशज में उत्तर प्रदेश के नौटकी, भगत, रास, बिरहा, अवधी लोकगीत के साथ-साथ पूर्वाच्चल में प्रचलित लोक परंपरा धोबिया, जाॅघिया, कहरवा भी आर्कषण होगा।
इस आयोजन में नौटंकी एवं अन्य समानधर्मी विविध पारंपरिक संगीत अभिव्यक्तियों का जमघट देखने को मिलेगा। भक्त पूरनमल, सत्य हरिशचन्द्र, बहरूपिया और लैला मजनूॅ जैसी नौटंकियों खेली जायेगी और एक पारसी शैली के नाटक दिल्ली दरबार का आनंद भी रसिकजन उठाएंगें। उत्तर प्रदेश के अलावा मालवा के उज्जैन क्षेत्र का माच, राजस्थान का तुर्रा कलंगी तथा मांगनियार समुदाय के गीत, मध्य प्रदेश का बसदेवा गायन और गुडुम बाजा, हरियाणा का स्वांग, पंजाब का भांड मीरासी का रंगारंग आयोजन आजमढ़ के रसिको को खूब लुभाएंगें। बिहार से भिखारी ठाकुर के नाट्यदल के कलाकार उनके विख्यात नाटक बिदेसिया की प्रस्तुति छपरा/सारण से आकर करेगें। कार्यक्रम में मालनी आवस्थी के अवधी गीत, मन्न्नू यादव का बिरहा, निर्गुण गायकी के उस्ताद प्रहल्लाद सिंह टीपनिया का कबीर गायन, छत्तीसगढ़ का नाचा और राजा फोकलवा भी स्थानीय दर्शकों को नया अनुभव देगा।
इस सम्बन्ध में अकादेमी के उप सचिव (नाटक) सुमन कुमार ने दिल्ली से आकर जिलधिकारी सुहास एलवाई से मुलाकात की और जिला प्रशासन से सहकार के लिए निवेदन किया है। जिलाधिकारी ने प्रशासन की ओर से पूरे सहयोग का आश्वासन दिया है। स्थानीय व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में अकादेमी अधिकारियों की आज आजमगढ़ की उप संचालक चकबन्दी ऋतु सुहास से भी मुलाकात की। उन्होेने इस सम्बन्ध में पूरे सहयोग का भरोसा दिलाया है। जिला एवं सत्र न्यायालय कार्यालय ने भी उत्साह दिखाते हुए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उक्त कार्यक्रम के सम्बन्ध में यदि किसी कलाकार रंगकर्मी या आम जनता को जानकारी प्राप्त करना चाहे तो सुमन कुमार के मो0नं.- 9650170777 या स्थानीय समन्वयक कलाकार अभिषेक पंडित के मो0नं0- 7607484759 से पर सम्पर्क कर सकते है।
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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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