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आज़मगढ़ पब्लिक स्कूल में 'यौम-ए-इक़बाल' (उर्दू दिवस) और 'उर्दू सप्ताह' का शानदार समापन हुआ


उर्दू महज़ एक भाषा नहीं, बल्कि एक तहज़ीब है - ओबैद आज़म आज़मी

आज़मगढ़: कोटिला चेकपोस्ट स्थित आजमगढ़ पब्लिक स्कूल में उर्दू के प्रख्यात शायर डॉ. अल्लामा मुहम्मद इक़बाल को समर्पित कार्यक्रम 'यौम-ए-इक़बाल’ (उर्दू दिवस) का आज आयोजन हुआ, इस पूरे सप्ताह के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने उर्दू भाषा और संस्कृति के प्रति अपने उत्साह और कौशल का प्रदर्शन किया। इस अवसर कई विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति गौरवशाली रही , जिन्होंने छात्रों और शिक्षकों का मार्गदर्शन किया। अतिथियों का स्वागत और स्कॉर्ट स्काउट्स और गाइड्स कलर पार्टी द्वारा किया गया।विद्यालय प्रबंधक मोहम्मद नोमान, प्रधानाचार्या रूपल पंड्या और उप प्रधानाचार्या रुना खान ने अतिथियों को पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र एवं स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया। मुख्य अतिथि ओबैद आज़म आज़मी (प्रख्यात शायर/गीतकार, सहायक प्रोफेसर, उर्दू विभाग, मुंबई विश्वविद्यालय) रहे।
उन्होंने ने अपनी शायरी के माध्यम से उर्दू भाषा की मिठास और गहराई को उजागर किया। उन्होंने छात्रों को बताया कि उर्दू महज़ एक भाषा नहीं, बल्कि एक तहज़ीब (संस्कृति) है। उन्होंने कहा कि "उर्दू ने हमेशा दिलों को जोड़ने और सद्भाव का संदेश देने का काम किया है। जिसमें आज़मगढ़ पब्लिक स्कूल का यह प्रयास सराहनीय है।"
विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. नाज़िश एहतेशाम आज़मी (चिकित्सा अधिकारी, दिल्ली सरकार) उपस्थित रहे।
डॉ. नाज़िश ने शिक्षा और भाषा के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने छात्रों से कहा कि "उर्दू को केवल साहित्य तक सीमित न रखें, बल्कि इसे अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बनाएं। अच्छी सेहत और अच्छी भाषा, दोनों ही एक बेहतर भविष्य की बुनियाद हैं। विशिष्ट अतिथि, डॉ. महमूद मिर्ज़ा (सहायक प्रोफेसर, अरबी विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय) ने उर्दू और अरबी के बीच के गहरे संबंध पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "उर्दू हमें हमारी जड़ों से जोड़ती है और हमें अपनी समृद्ध विरासत का एहसास कराती है। हमें अपनी मातृभाषा और सांस्कृतिक भाषाओं के अध्ययन को गंभीरता से लेना चाहिए।
विशेष अतिथि, नादार आज़मी (शायर), शाहब अब्दुल्लाह और सीए उमर खान (पूर्व छात्र, APS) भी शामिल हुए।
शायर नादार आज़मी ने अपनी नज़्मों से महफ़िल को रोशन किया। शाहब अब्दुल्लाह और सीए उमर खान (पूर्व छात्र, APS) ने छात्रों को उर्दू के माध्यम से करियर में भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और कहा कि भाषा ज्ञान किसी भी क्षेत्र में सफलता की सीढ़ी बन सकता है।
स्कूल के प्रबंधक मोहम्मद नोमान ने सभी अतिथियों का धन्यवाद करते हुए कहा, "उर्दू सप्ताह और 'यौम-ए-इक़बाल' का सफल आयोजन हमारे स्कूल के लिए गर्व का विषय है। उर्दू हमारी साझी संस्कृति की पहचान है। हमारा उद्देश्य है कि हमारे छात्र सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित न रहें, बल्कि सांस्कृतिक और भाषाई रूप से भी समृद्ध बनें। मैं सभी विजेताओं और प्रतिभागियों को बधाई देता हूँ।"
विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती रूपल पांड्या ने छात्रों के प्रदर्शन की प्रशंसा करते हुए कहा, "छात्रों ने प्रतियोगिताओं में जिस उत्साह और भाषाई कौशल का प्रदर्शन किया है, वह यह दर्शाता है कि अगली पीढ़ी में भी उर्दू का भविष्य उज्ज्वल है।" उप-प्रधानाचार्या रूना खान ने सभी शिक्षकों और छात्रों के प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर डॉक्टर शफ़ीउज्जमान, शहाब अब्दुल्लाह, आरिफ, शाहनवाज इस्लाही और विद्यालय के सभी शिक्षण एवं गैर-शिक्षण कर्मचारी उपस्थित रहे, जिनके सहयोग से 'उर्दू सप्ताह' और 'याद-ए-इक़बाल' का सफल आयोजन संभव हो सका।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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