दीया मेकिंग, रंगोली पेंटिंग, बोर्ड डेकोरेशन के साथ ही श्री राम दरबार की झांकी ने मन मोहा
आजमगढ़: जिले के जहानागंज क्षेत्र के धनहुंआ स्थित एसकेडी विद्या मन्दिर एवं एसकेडी इण्टर काॅलेज में दीपों के पावन पर्व दीपावली पर दीया मेकिंग, रंगोली पेंटिंग, बोर्ड डेकोरेशन आदि विविध प्रतियोगिताओं के साथ साथ भक्ति के रस में सराबोर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया जिसे देखते हुए उपस्थित लोग भाव विभोर हो उठे। कार्यक्रम की शुरूआत वाग्देवी मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन से हुई। इसके पश्चात मां लक्ष्मी, भगवान श्री गणेश, मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु राम के साथ लक्ष्मण और हनुमान के प्रतिमूर्ति बने बच्चों का पूजन अर्चन और माल्यार्पण किया गया। चैदह वर्ष के कठिन वनवास अवधि बिताते हुए भगवान राम के अयोध्या लौटने की झांकी का जिस तरह से छात्र छात्राओं ने प्रस्तुत किया वह काफी सराहनीय रहा। अयोध्या आये मेरे प्रभु राम, सजा दो घर को गुलशन सा आदि संगीत पर बच्चों द्वारा काफी मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में आकाश, दिव्यांशू, रूही, अंकिता, श्रेयश आदि की प्रस्तुति काफी मोहक रही। एसकेडी इण्टर काॅलेज में भगवान गणेष, मां लक्ष्मी और श्रीरामदरबार झांकी का पूजन अर्चन श्रीकान्त सिंह द्वारा किया गया। विद्यालय में जगह जगह छात्रों द्वारा बोर्ड डेकोरेषन काफी आकर्शक लग रहा था। रंगोली प्रतियोगिता में बच्चो ने विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक चीजों एवं रंगों के साथ आकर्षक रंगोलियां बनायी। एक ओर जहां ये रंगोलियां आकर्षक डिजाइन के साथ मन को मोहित कर रही थी। आपरेशन सिंदूर पर बनी रंगोली जहां देशभक्ति के जज्बे को बढ़ा रही थी वहीं भगवान राम और सीता के आकर्षक चित्र से सुसज्जित रंगोलियां लोगों को काफी भा रही थी। हाउस वाइज संपन्न हुई रंगोली प्रतियोगिता में वैसे तो सभी रंगोलियां मंत्र मुग्ध कर दे रही थी लेकिन निर्णायक मण्डल द्वारा सरोजनी नायडू हाउस द्वारा बनाई गई रंगोली को सर्वश्रेश्ठ अंक प्राप्त हुआ। कलाम हाउस की रंगोली द्वितीय पर रही। इस अवसर पर दीपक बनाने व उसे सजाने का भी हुनर बच्चों ने दिखाया। प्रतियोगिताओं में अंजली, भार्गवी, वैष्णवी, शिखा, तन्वी, आदि का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। अपने उद्बोधन में दीपावली त्योहार पर चर्चा करते हुए विद्यालय के संस्थापक विजय बहादुर सिंह ने कहा कि दीपावली एक ओर जहां साफ सफाई का सन्देश देती हैं वहीं इस महानिशा पर जलाये जाने वाले दीपक यह दर्शाते हैं कि जब चारो ओर घोर अन्धेरा हो एक छोटा सा दीया ही कितना प्रकाशमान होता है। ठीक उसी तरह जैसे जब आदमी अज्ञानता के घोर अन्धकार में डूबा हो और ज्ञान रूपी एक ही ज्योति उसे महान बना सकती है। विद्यालय कीे प्रधानाचार्या प्रीती यादव एवं केके सरन ने भी दीपावली के त्योहार पर विधिवत प्रकाश डाला। कार्यक्रम को सफल बनाने में योगेन्द्र, प्रमोद, संतोष, अनन्त, रूबी, रंजना, ममता, महाश्वेता, प्रियंका, नेहा, अपराजिता आदि का योगदान सराहनीय रहा।
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