देश की सीमाओं के प्रहरियों की माताओं को समर्पित रहा कार्यक्रम
आज ही नहीं, हर दिन अपनी माँ के प्रति आदर, प्रेम , कृतज्ञता व्यक्त करें - गौरव अग्रवाल
आजमगढ़: आज दिनांक 11 मई 2025 दिन रविवार को मातृदिवस के पावन अवसर पर करतारपुर स्थित जीडी ग्लोबल स्कूल में एक भव्य समारोह "वात्सल्य" का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम माताओं के प्रति सम्मान, स्नेह और आभार प्रकट करने हेतु आयोजित किया गया, जिसमें नन्हें-मुन्हें विद्यार्थियों की मातृशक्ति तथा अभिभावकों और समाज के अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व सांसद लालगंज श्रीमती संगीता आजाद एवं विशिष्ट अतिथि श्रीमती मोहिता जैन, विद्यालय की निदेशिका श्रीमती स्वाति अग्रवाल, प्रबंधक गौरव अग्रवाल तथा प्रधानाचार्या श्रीमती दीपाली भुस्कुटे ने संयूक्त रुप से दीप प्रज्वलन तथा मां शारदे की वंदना से किया । माताओं के सम्मान में स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। विद्यालय के नन्हें मुन्हें शिशुओं ने मां पर समर्पित गीत प्रस्तुत करके श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मां मेरी दुनिया मेरे आंचल में पर बच्चों द्वारा आकर्षक नृत्य कार्यक्रम के आकर्षण का केंद्र रहा। माताओं के लिए विशेष खेल और मनोरंजक गतिविधियाँ जैसे संगीत कुर्सी, मेहंदी प्रतियोगिता और रैपिड फायर क्विज़ ने सभी का मन मोह लिया। मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मातृत्व की गरिमा और समाज में उसकी भूमिका पर प्रकाश डाला।यह कार्यक्रम उन माताओं के लिए समर्पित है जिनके लाल अपने प्राणों की बाजी लगाकर देश के प्रहरी के रूप में अहर्निश सीमाओं पर देश की रक्षा के लिए कटिबद्ध हैं। विशिष्ट अतिथि श्रीमती मोहिता जैन ने मातृदिवस पर अपने उद्बोधन में कहा कि माताएं अपने पाल्य की रक्षा में स्वयं के अस्तित्व को भूल जाती हैं। आज के इस सुअवसर पर मैं सभी माताओं से निवेदन करती हूं कि अपने कर्तव्य के निर्वहन में स्वयं के अस्तित्व को न भूलें। वे अपने अच्छे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का भी ख्याल रखें। विद्यालय की निदेशिका श्रीमती स्वाति अग्रवाल ने अपने संबोधन में कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि “माताएँ हमारे जीवन की आधारशिला हैं। यह आयोजन केवल एक दिवस का उत्सव नहीं, बल्कि मातृत्व के प्रति हमारे समर्पण और सम्मान की अभिव्यक्ति है। प्रबंधक गौरव अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि मातृदिवस के इस शुभ अवसर पर मैं आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ। यह दिन उस निस्वार्थ प्रेम, त्याग और बलिदान को समर्पित है जो एक माँ अपने बच्चों के लिए प्रतिदिन करती है। माँ न केवल जीवन देती है, बल्कि संस्कारों की नींव भी रखती है। बच्चे माँ का आदर करें, उनका कहना मानें और उनके त्याग को समझें। वहीं माताओं से निवेदन है कि वे अपने बच्चों को प्रेम के साथ मार्गदर्शन दें और उन्हें आत्मनिर्भर, संवेदनशील और संस्कारी नागरिक बनने की प्रेरणा दें।आपका सहयोग और स्नेह ही हमारी संस्था की सबसे बड़ी ताकत है। प्रधानाचार्या श्रीमती दीपाली भुस्कुटे ने एक प्रेरणादायी कहानी सुनाते हुए कहा कि मातृदिवस हम सभी के लिए भावनाओं से भरा हुआ दिन है। माँ वह प्रथम गुरु होती है जो हमें बोलना, चलना, सोचना और जीना सिखाती है। एक माँ अपने बच्चों में जो संस्कार और मूल्य बोती है, वही आगे चलकर समाज का चेहरा बनते हैं। आप सभी से मेरा आग्रह है कि केवल आज ही नहीं, हर दिन अपनी माँ के प्रति आदर, प्रेम और कृतज्ञता व्यक्त करें। उनकी छोटी-छोटी बातों में जीवन की बड़ी सीख छिपी होती है। माताओं से मेरा विनम्र निवेदन है कि वे बच्चों को स्नेह के साथ अनुशासन देना जारी रखें। आपका मार्गदर्शन उन्हें उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाएगा।
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