एसआइटी जांच में अनुदान ले रहे 219 मदरसे निकले फर्जी
आरोप ,कई मदरसा प्रबंधकों ने अपलोड की मिथ्या सूचनाएं
आजमगढ़ : जिले में धड़ल्ले से चल रहे अवैध मदरसों संचालकों पर कार्रवाई तेज हो गई है। रविवार तक जिले के विभिन्न थानों में कुल 11 संचालकों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई आर्थिक अपराध शाखा के निरीक्षक कुंवर ब्रह्मप्रकाश सिंह की तहरीर पर की गई है। तहरीर के अनुसार जनवरी 2023 में शासन की ओर जिले में संचालित मदरसे, जो सरकार से अनुदान ले रहे है, उनकी जांच करने का जिम्मा इओडब्ल्यू को दिया गया था। जांच में कुल में 313 मदरसे संचालित है, जिसमें से 219 का अस्तित्व ही नहीं है। जांच के बाद इन मदरसा संचालकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। मालूम हो कि एक सप्ताह पूर्व आर्थिक अपराध शाखा (इओडब्ल्यू) की टीम अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के कार्यालय पहुंची थी और इन मदरसों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर तैयार की थी। विशेष जांच दल (एसआइटी) ने अभिलेखों के आधार पर मदरसों के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा की है। मदरसा के पोर्टल पर क्षेत्र में संचालित 313 मदरसे का पूरा ब्योरा आनलाइन अपलोड की गई है। जबकि मौके पर जांच करने पहुंची टीम को कोई भी मदरसा संचालित होते नहीं मिला। इसके साथ ही छात्रों की संख्या में भी काफी अंतर हैं। लखनऊ एसआइटी की जांच में मदरसा प्रबंधकों ने पोर्टल पर मिथ्या सूचनाएं अपलोड की हैं। मान्यता एवं सेवा नियमावली अरबी और फारसी मदरसा उप्र नियमावली 1987 में उल्लिखित भवन संबंधी शर्तों, छात्र संख्या संबंधी शर्तों व अन्य सभी मान्यता संबंधी शर्तों का उल्लंघन किया गया है। इस प्रकार के अस्तित्वहीन मदरसों को मान्यता प्रदान करने वाले और मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत भुगतान प्रदान करके शासकीय धन का गबन करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। एसआइटी की मानें तो मुकदमों की संख्या में और इजाफा होने की संभावना है। वहीं इस मामले पर चिराग जैन, एएसपी ग्रामीण ने कहा कि इओडब्ल्यू के इंस्पेक्टर कुंवर ब्रह्मप्रकाश ने जिले के विभिन्न थानों में तहरीर दी है, जिसके आधार पर अब तक अलग-अलग थानों में 11 मदरसा संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। तहरीर मिलने पर आगे भी कार्रवाई की जाएगी।
Blogger Comment
Facebook Comment