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आजमगढ़: बसपा ने हर्षोल्लास के साथ मनाया पार्टी सुप्रीमो मायावती का जन्मदिन



बहन जी के हाथ में देश व प्रदेश की सत्ता की चाभी सौंपने का संकल्प है - डा० बलिराम, पूर्व सांसद

आजमगढ़: बहुजन समाज पार्टी के तत्वावधान में कलेक्ट्रेट स्थित अम्बेडकर पार्क में बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्षा एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का 69वां जन्म दिवस पूर हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिसके मुख्य अतिथि हरिश्चन्द्र गौतम मुख्य सेक्टर प्रभारी आजमगढ़ मण्डल व विशिष्ट अतिथि डॉ. बलिराम पूर्व सांसद व सबीहा अंसारी मौजूद रहे। अध्यक्षता अरूण पाठक व संचालन जिलाध्यक्ष अरविन्द कुमार ने किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि हरिश्चन्द्र गौतम ने कहाकि हजारों वर्ष से हमारे पूर्वज इसी बात का संघर्ष किया कि मानवता के पोषण में उन्हे भी न्याय मिले, सम्मान मिले और समतामूलक समाज की स्थापना हों। गैर बराबरी का समूल नाश हों। मगर दूसरी तरफ वह भी शक्तियां इस युक्ति में लगी रही कि गैर बराबरी का समाज बना रहे। लोग गरीब, अशिक्षित, अष्पृष्य और दबे कुचले लोग निम्नतर रियाया बने रहे, दरअसल संघर्ष में हमारे महापुरूषों की कोई कमी नहीं थी। उन्होने तो अपना पूरा जीवन हमारी बेहतरी के लिए न्यौछावर किया मगर खामी हमारे समाज की रही क्योंकि वह अपने और आगे आने वाली वंशावलियों के बेहतरी के आंदोलन में पूरे मनोयोग से सहयोग नहीं कर पाये। जिसके कारण आज भी हमारा समाज कमजोर अशक्त बना हुआ है, उसी के साथ अन्याय अधिक हो रहा है, इस पर हमें गहराई से विचार करना चाहिए। आज हम उस नेता के नेतृत्व में संघर्ष कर रहे, जिन्होने हमें बेहतर बनाने के लिए न शादी किया और न अपना परिवार बनाये। मगर आज भी हम वहीं भूल कर रहे है, जो हमारे पूर्वजों ने अपने नेता का साथ न देकर किया था। हमें आज संकल्प लेना होगा कि अपने व आने वाली पीढ़ियों को मुख्य धारा में स्थापित करने और बेहतरी के लिए बहन जी के नेतृत्व में सत्ता में कब्जा करना हैं। अगर हम आज भी नहीं संभले तो आने वाली पीढ़िया हमें दोषी ठहरायेंगी। हम बहन जी के शुभेच्छा के साथ दुर्घायु की कामना करते है।
मंच से बोलेते हुए डा. बलिराम साहब ने कहाकि जिस बाबा भीम राव अम्बेडकर जी के संविधान से देश बेहतर करके प्रगति कर रहा है सबको अधिकार मिल रहा है देश ही नहीं पूरा संसार ग्रन्थ के रूप में सम्मान देता है उसी के रचनाकार डॉ. भीम राव अम्बेडकर पर भाजपा का नेता अभद्र टिप्पणी करता है तो उसका कारण कहीं न कही हमारी कमजोरी हैं और असंगठित होने का परिणाम है। असल में जो लोग ऐसा समाज बनाने की कल्पना करते है जहां समाज अर्थ, धर्म, जाति, वर्ग के रूप में बंटा रहे हैं और चंद पूंजीपतियों के इशारे पर सत्ता बनी रहे और सत्ता पूंजीपतियों की घोर अन्यायी की रणनीति भोगती रहे। मगर सत्ता के कुकृत्य के विरूद्ध किसी को सत्ता के विरूद्ध उंगली उठाने का साहस न हो तो उन्हे बाबा साहब कैसे अच्छे लगेंगे। मगर उन्हे जानकारी नहीं की दबे, कुचले पिछड़े और वंचित गरीब समाज का नेतृत्व करने वाली बहन जी है और वह ऐसी नेता है कि सत्ता के लोभ में उन लोगों से गठजोड़ नहीं करती जो अंतिम पायदान पर खड़े लोगों के दुश्मन है। बहन जी वह नेता है कि जब कमजोर लोगों के जुल्म पर सरकार नहीं सुनती तो तुरंत राज्यसभा से इस्तीफा देकर लोगां के बीच संघर्ष खड़ा करने आ जाती, आज हमें संकल्प लेना है कि बहन जी के नेतृत्व में अगली सरकार बसपा की होगी।
अगले वक्ता के रूप में शंकर यादव ने अपने सम्बोधन में कहाकि आज देश में जिन लोगों के हाथ में सत्ता है वह लोग पूंजीवाद के समर्थक है। तथा अपने इर्द-गिर्द ऐसे लोगों को रखना चाहते है जो उनकी अन्याय पूर्ण नीतियों का परोक्ष समर्थन करें। आपने देखा कि ईडी सीबीआई सहित देश की सर्वोच्च एजेंसियों का प्रयोग सत्ता ने धन्ना सेठों से फिरौती वसूली के लिए धमकाने के लिए किया तो चुनावी चंदा केवल भाजपा को ही नहीं मिला। बल्कि जो विपक्ष में भाजपा के विरोध में झूठा प्रदर्शन करते है चुनावी चंदा उन्हे भी भाजपा के शह पर प्राप्त कराया गया। साजिश आपके सामने है। केवल इसलिए कि जमींनी मजबूर आदमी के बेहतरी के बारे में भी अम्बेडकरवादी सोच की पार्टी बसपा सत्ता से दूर बनी रहे। मगर बाबा साहब ने आपको वोट का अधिकार देकर सत्ता का मालिक चुनने की अधिकार दिया है। आप एकजुट होकर नागरिक के पक्ष में सरकार बनाने के लिए बसपा को वोट दें। आपके संकल्प का भारत निर्माण में देर नहीं होगी।
अपने सम्बोधन में लोकसभा सदर की प्रत्याशी रहीं सबीहा अंसारी ने कहाकि अन्याय सहने वाला अन्याय करने वाले से अधिक दोषी होता है। भाजपा राज में अन्याय हो रहा है तो हम भी दोषी है। हमें जाति वर्ग के बजाय रोजगार शिक्षा और बेहतरी के लिए वोट देना है तो बसपा के पक्ष में संगठित होना पड़ेगा। अरूण पाठक ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में बोलते हुए कहाकि शिक्षिक करो, संघर्ष करो और संगठित बनो की तरकीब भूलकर हम ऐसे सरकार को बना लिए है जो जनता की बेहतरी के बजाय पूंजीपतियों की दास है। मंहगाई चरम सीमा पर है, बेरोजगारी बढ़ रही हैं और जनता तक सड़क पर आकर भी न्याय पाने से महरूम हैं। ऐसी सत्ता का उखाड़ फेंकना है। बसपा के नेतृत्व में सत्ता में आने संकल्प हमें लेना है। बहन जी जैसा नेता हमें भाग्य से मिलता है अगर पिछड़ गये तो आने वाली नस्ले सैकड़ों साल पीछे नजर आयेंगी और हमें माफ नहीं करेंगी।
सभा को मुख्य रूप से डॉ. महबूब, रामजी सरोज, संतोष प्रधान, मुकेश कुमार, कुसुम बौद्ध, श्रीराम राजभर, सबीहा अंसारी, हरिराम भाष्कर, ओंकार शास्त्री, जगदीश गुप्ता, मसहूद अंसारी, रामजन्म मौर्य, दीपक कुमार एड., रामजीत चौहान, करमवीर आजाद, डा. गीता, केशव भारती, मनोज यादव, गया प्रसाद, सीपी बिमल, शैलेन्द्र, श्रीराम, डा. तिलकधारी, शिवपूजन, राजकुमार, राम नारायन भारती, कल्पनाथ राव, तारिख हसन, रामवृक्ष गौतम, मो0 राशिद, मुकेश अमरनाथ, गुड्डू प्रधान, सूर्यभान, डा0 राकेश बौद्ध, दिलीप कुमार, मुस्तनीर फराही, अरूण सिंह आदि ने सम्बोधित किया। इस दौरान हजारों लोगों ने कार्यक्रम शिरकत किया।

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