हिंदुओं के उत्पीड़न के विरोध में कलेक्ट्रेट पर किया गया धरना-प्रदर्शन
जिला प्रशासन को सौंपा राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन
आजमगढ़: कलेक्ट्रेट मुख्यालय पर बुधवार को हिंदू रक्षा संघर्ष समिति के तत्वावधान में बांग्लादेश में हिंदू मठ मंदिरों पर हमले, तोड़फोड़, नारी शक्ति के साथ दुर्व्यवहार, दुकानों में लूटपाट जैसी घटनाओं के विरोध में धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इसमें कई मठ मंदिरों से आए धर्माचार्यों ने बांग्लादेश में हिंदू धर्मावलंबियों पर अत्याचारों को गंभीर मामला बताया। धरना-प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति को नामित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा गया। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती ने मीडिया से कहा कि पूरे विश्व में 129 देश में बसे हिंदुओं को दिखाना होगा कि आज भारत में कैसे गांव-गांव में हिंदू एकजुट हैं और सभी जाति मत से ऊपर उठकर एक जुटता का परिचय दे रहे हैं। 1971 की तरह से स्थिति आज भी है। सरकार इस मामले में पूरी तरीके से गंभीर है। मोदी सरकार निश्चित रूप से इस मामले में कदम उठाएगी, लेकिन हम समय तय करने के पक्ष में नहीं हैं। कहा कि जब इजरायल 55 लाख लोगों के लिए एक अलग देश बन सकता है तो बांग्लादेश में जहां हिंदुओं की बहुत संख्या है, उसको भी हिंदू राष्ट्र घोषित करना चाहिए। भारत के मुसलमान के लिए अलग देश के सवाल पर कहा कि पहले ही जब बंटवारा हो रहा था तब 23 परसेंट मुसलमानों के लिए 30 प्रतिशत भूमि दे दी गई थी। जिनको अलग राष्ट्र में रहने की इच्छा है वह पाकिस्तान चले जाएं। इस अवसर पर सहजानंद राय, श्रीकृष्ण पाल, सूरज प्रकाश श्रीवास्तव, महंत राजेश मिश्रा, महंत श्याम नारायण दास आदि उपस्थित रहे।
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