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आजमगढ़: कृषि राज्य मंत्री ने मंडी परिषद द्वारा निर्मित संपर्क मार्गों का लोकार्पण किया



किसान व अधिकारी मिल कर कुछ ऐसा करें जिससे जिले का नाम रोशन हो - दिनेश प्रताप सिंह

आजमगढ़ 15 नवंबर-- राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उद्यान, कृषि, विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात उत्तर प्रदेश सरकार दिनेश प्रताप सिंह ने कल देर सायं राजकीय पौधशाला, कोटवा,आजमगढ़ में राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद द्वारा निर्मित नवीन संपर्क मार्गों का लोकार्पण किया। इसके पश्चात मंत्री ने उद्यान विभाग द्वारा विभिन्न औद्यानिक विकास योजनाओं के लाभार्थी कृषकों को निःशुल्क पौध, शाकभाजी एवं बीज वितरित किया।
मंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि उद्यान जिसे हम बगिया कहते हैं, यह बगिया हमारे आजमगढ़ की, उत्तर प्रदेश की, भारत की जितनी सुंदर होगी, निसंदेह हमारा विकास होगा तथा तन, मन पूरी तरह से प्रफुल्लित होगा। उन्होंने सभी लोगों से आग्रह किया कि जितना अवसर मिले अपनी बगिया को थोड़ा-थोड़ा अपने आशीर्वाद एवं स्नेह का जल डालकर सुंदर बनाने का प्रयास करते रहें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश की बगिया को निष्कंटक रहित फल फूल से सजी हुई बगिया बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजमगढ़ की बगिया को सुंदर बनाने की जिम्मेदारी आप सब की है। उन्होंने कहा कि सब लोग मिलकर एक अच्छे आजमगढ़ का निर्माण करने में उत्तर प्रदेश सरकार का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि आपके हाथों में वृक्ष एवं पेड़ हैं, इसे हमें बहुत कुछ सीख लेना चाहिए। इनसे सीख लेकर नि:संदेह हम अपने जीवन को अच्छी दिशा में ले जाने में कामयाब होंगे एवं एक अच्छा वातावरण दे पाने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि सब लोग जानते हैं कि हमारे देश के प्रधानमंत्री ने इस बार एक पेड़ मां के नाम लगाने का आवाहन किया था। उन्होंने कहा कि जैसे मां हमारा पालन पोषण करती है एवं बड़ा करती है, उसी तरह से हम सबको उसे पालने एवं बड़ा करने में अपनी भूमिका का निर्वहन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पेड़ कभी भी अपने लिए कुछ नहीं करता, बल्कि पूरा जीवन लोगों को फूल, पत्ती, डाली, फल, तना सब कुछ, यद्यपि की सूखने के बाद लकड़ी भी इसी मानव समाज को दे जाता है। यह परोपकार जो हमको पेड़ देता है, निसंदेह हमको, आपको इससे प्रेरणा लेकर एक अच्छे समाज के निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वहन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बलिया और आजमगढ़ के कुछ प्रगतिशील किसानों ने अच्छे एवं नए-नए काम किए हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में उन्होंने नाम कमाया है। विदेश में जाकर तकनीक का आदान-प्रदान करके कुछ अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार किसानों को तकनीकी के आदान-प्रदान के लिए प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि गाजीपुर एवं आजमगढ़ जनपद का लाल मिर्च कई देशों को जा रहा है। बांग्लादेश, नेपाल एवं अगल-बगल के देशों में पहुंचाया जाता है, इस तरह उत्तर प्रदेश की तमाम आधुनिक फसले दुनिया की बाजारों तक पहुंच रही हैं। उन्होंने कहा कि अपनी उपज को दुनिया की बाजारों में पहुंचाने की कोशिश कीजिए। यूपी के बहुत सारे हिस्से में केले का उत्पादन किया जाता है, बहराइच के आसपास सात/आठ जिलों में बहुत अच्छा केला का उत्पादन होता है। उन्होंने कहा कि दुनिया के बाजारों में देखा जाए तो तुर्की में रु0 200 का एक पीस केला मिलता है तथा यही केला वहां की बाजारों तक पहुंचा जा सके तो अच्छा मूल्य मिलेगा। उन्होंने कहा कि आज के युवाओं के हाथ में पूरी दुनिया है, वह देख सकते हैं कि कौन सा फल, सब्जी, फूल तथा कौन से अनाज की बाजार कहां पर अच्छी है तो वहां तक पहुंचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको प्रयास करना चाहिए कि बच्चों को छूट दें तथा उन्हें पारंपरिक खेती से हटकर दूसरी खेती करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि निसंदेह इससे हमारे देश और प्रदेश का विकास होगा तथा प्रधानमंत्री जी का सपना कृषकों की आय को दोगुना करने का साकार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापरक उत्पादन करें, उसके लिए उद्यान विभाग तकनीकी एवं उन्नत बीज उपलब्ध करा रहा है। इसी क्रम में आज कुछ किसानों को गुणवत्ता युक्त बीजों का वितरण भी किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे गुणवत्तापरक बीज लेकर पारंपरिक खेती से थोड़ा हटकर व्यावसायिक खेती करें। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक खेती के लिए फूलों का उत्पादन कर सकते हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि आज के वातावरण में एक बीघे में फूल उत्पन्न कर बड़ी कमाई कर सकते हैं। फूलों के लिए बाबा विश्वनाथ धाम, रामनगरी से अच्छी मांग की जाती है। उन्होंने कहा कि शादियों के सीजन में भी फूलों की अत्यधिक मांग रहती है। मंत्री ने कहा कि कुछ मेडिसिनल खेती भी की जा सकती है, जिसमें हल्दी की खेती बहुत अच्छी होती है, इसका निर्यात भी किया जाता है। उन्होंने आजमगढ़ के किसानों से अनुरोध किया कि औद्योगिक क्षेत्र में किसान और अधिकारी मिलकर कुछ ऐसा करें, जिससे आजमगढ़ का नाम रोशन हो तथा औद्यानिक क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर पहुंचे। उन्होंने कहा ऐसा प्रयास आप सब लोग कर सकते हैं। मंत्री जी ने कहा कि कुशीनगर और मिर्जापुर के किसान स्ट्रॉबेरी की खेती करके धन और गेहूं की पारंपरिक फसल की अपेक्षा कई गुना पैसे कमा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मिर्जापुर और कुशीनगर के किसान एक एकड़ में स्ट्रॉबेरी की फसल उत्पन्न कर 15 लाख रुपए तक कमा रहे हैं, जो की गेहूं और धान की अपेक्षा कई गुना है। उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि बच्चों को छूट देकर अच्छी और गुणवत्तापरक खेती करने का सुझाव दीजिए। दुनिया में कैसे-कैसे खेती होती है, ऐसी तकनीक लाकर अपने गांव में विकसित करें और दुनिया की अच्छी बाजारों में कैसे ले जा सकते हैं, इसका प्रयास करें। उन्होंने कहा कि रसिया और अमेरिका में आम की कीमत रु0 800 से रु0 1200 किलो है, जबकि हमारे यहां 80 से डेढ़ सौ रुपए किलो बिकता है। उन्होंने कहा कि यदि थोड़ा प्रयास करके आम की फसल को अच्छे बाजारों में पहुंचाया जाए तो 2 महीने के आम के सीजन में किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं। राज्य मंत्री ने आजमगढ़ के नौजवानों से आवाहन किया कि दुनिया दूर नहीं, बल्कि दुनिया आपके करीब है दुनिया में जाकर छा जाइए। अपनी उपज को दुनिया की बाजारों तक पहुंचाएं और गांव, जिला, प्रदेश तथा देश का नाम रोशन रोशन करें। उन्होंने कहा कि इससे आपका सम्मान बढ़ेगा तथा मूल्य संवर्धन भी होगा। उन्होंने कहा कि किसानों की सुविधा के लिए मंडी परिषद की सड़कों का लोकार्पण किया गया है। इसके साथ ही किसानों की सुविधा के लिए और कहीं सड़के बनानी हो तो अवगत कराया जाए। उन्होंने कहा कि मंडी परिषद की पुरानी सड़कों की मरम्मत का कार्य भी किया जाएगा। यदि कहीं नई सड़कों के निर्माण की आवश्यकता पड़ेगी तो मंडी परिषद के माध्यम से किसानों के लिए नई सड़कों का निर्माण भी किया जाएगा।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में किसान एवं विभागों के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

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