पंद्रह घंटे बाधित रही बिजली, उमस भरी गर्मी से बेहाल रहे लोग
सुबह होते ही बिजली और पानी के लिए मचा हाहाकार
आजमगढ़: शहर के दक्षिणी क्षेत्र के मोहल्लों के साथ करीब एक दर्जन से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली आपूर्ति फाल्ट के भेंट चढ़ गया। जिससे पंद्रह घंटे बिजली आपूर्ति बाधित होने से उमश भरी गर्मी में लोग बेहाल रहे। सुबह होते ही बिजली और पानी के लिए हाहाकार मच गया। डीआईजी, कमिश्नर, सर्किट हाउस से लेकर कृषि महाविद्यालय के साथ करीब दस हजार की आबादी प्रभावित रही। उपभोक्ताओं का कहना है कि शहर के मोहल्ला बेलइसा, पल्हनी, नीबी, सलारपुर, कृषि महाविद्यालय कोटवां, डीआईजी आवास, मंडलायुक्त आवास, सर्किट हाउस, बेलइसा कृषि एवं फल मंडी, सेठवल, मित्रसेनपुर, गोपालपुर, चढ़ई, हुंसामपुर, मझगांवा, मोहम्मदल्ला, गेलवारा, कुद्दनपुर, बशीरपुर समेत अन्य चार-पांच गांव के करीब दस हजार से अधिक लोग इस समस्या से करीब एक पखवारा से जुझ रहे हैं। शासन स्तर से जहां मंडलय मुख्यालय को चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति देने का आदेश है, वहीं बमुश्किल 14 से 18 घंटे ही बिजली मिल रही है। कोटवां सब स्टेशन से जब से बिजली आपूर्ति की व्यवस्था की गयी है तभी से समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। रात में अगर कहीं फाल्ट या अन्य तकनीकि खराबी आ जाती है तो उसे सही करने के लिए कर्मचारी ही नहीं है। दिन में भी अगर कहीं फाल्ट आ जाता है तो शिकायत दर्ज कराने पर दो से तीन घंटे बाद ही बिजली मिल पाती है। हरबंशपुर वार्ड के सभासद सुरेश शर्मा, बेलइसा निवासी श्यामजीत यादव, अनिल सिंह, नई कालोनी पल्हनी निवासी प्रमोद सिंह, पल्हनी निवासी व दीवानी बार एसोसिएशन के महामंत्री आनंद श्रीवास्तव आदि का कहना है कि बुधवार की शाम करीब साढ़े पांच बजे अचानक बिजली कट गयी। पता करने पर सब स्टेशन से बताया गया कि सिधारी से आने वाले मेन सप्लाई में फाल्ट आ जाने के चलते बिजली कट गयी है। रात नौ बजे बिजली आयी तो करीब आधा घंटे बाद पुन: फाल्ट के भेंट चढ़ गयी। दूसरे दिन गुरुवार को सुबह नौ बजे जाकर किसी तरह से बिजली आपूर्ति बहाल हुई, लेकिन बिजली चालू होते ही बेलइसा मोहल्ला के कुछ क्षेत्रों की बिजली आपूर्ति फाल्ट के चलते बाधित हो गयी। प्रकाश वर्मा, अवर अभियंता, कोटवां सब स्टेशन ने बताया की सिधारी मेन से कोटवां सब स्टेशन पर कई गांवों के खेतों से होकर बिजली आयी है। ज्यादा लंबी दूरी होने के चलते अक्सर तार बीच-बीच में फाल्ट हो जा रहे हैं। सब स्टेशन पर कर्मचारियों की संख्या भी कम है। इसके बाद भी पेट्रोलिंग कराकर फाल्ट को सही कराकर आपूर्ति बहाल कराने का प्रयास करते हैं।
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