शिक्षक साधारण नहीं होते हैं ‘निर्माण और प्रलय“ उनकी गोद में पलते हैं - विजय बहादुर सिंह
आजमगढ़: जहानागंज क्षेत्र के धनहुंआ स्थित एसकेडी विद्या मन्दिर एवं एसकेडी इण्टर कालेज में बुधवार को शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया गया। छात्र/छात्राओं ने गुरूजनों के सम्मान में अपनी विभिन्न साँस्कृतिक प्रस्तुतियां देते हुए एक शिक्षक का भविष्य के समाज निर्माण में क्या भूमिका होती है, इसको भी इंगित किया। कार्यक्रम की शुरूआत देश के पूर्व राष्ट्रपति एवं एक आदर्श शिक्षक रहे डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण से हुई। इसके पश्चात विद्यालय की अनन्या, स्तुति, शान्वी, रश्मि, कार्तिकेय, हिमाशूं आदि छात्राओं ने गीतों के माध्यम से एक शिक्षक की उस दिनचर्या को दर्शाया जिसमें विभिन्न समस्याओं से जूझते हुए भी भविष्य के कर्णधारों को तराशता है। अपने उद्बोधन में विद्यालय के संस्थापक विजय बहादुर सिंह ने डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसी भी छात्र का सबसे बड़ा नायक उसका गुरू ही होता है। गुरूजनों से छात्र जो कुछ सीखता है उसी के आधार पर उसके जीवन रूपी इमारत का निर्माण होता है। अपने माता पिता के बाद कोई जो कुछ भी सीखता है वह एक शिक्षक से ही सीखता है। इसलिए जिन्दगी में शिक्षक के योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। कभी भी शिक्षक साधारण नहीं होते हैं ‘निर्माण और प्रलय“ उनकी गोद में पलते हैं। विद्यालय के प्रधानाचार्य कुंवर आलोक सिंह और केके सरन ने भी समाज में एक शिक्षक की महत्ता को प्रकाशित किया। इस अवसर पर विद्यालय परिवार की ओर से सभी शिक्षकों को उपहार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में श्रीकान्त सिंह, संजय, संतोष, योगेन्द्र, दिनेश, प्रमोद, नवनीत,रंजना, रूबी संगीता, नेहा, रेनू, वर्तिका आदि उपस्थित रहे।
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