फैसले का अनुपालन न होने पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग का ऐतिहासिक आदेश
आजमगढ़: जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने जिलाधिकारी को क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम बूढ़नपुर की जमीन कर्मचारियों के देयकों के बराबर आवंटित कराने व दाखिल खारिज कराने का आदेश दिया है। न्यायालय ने यह आदेश तब किया जब पिछले आदेशों का अनुपालन कराने में प्रशासन फेल साबित हो गया। इस पर आयोग के अध्यक्ष ज्ञानेश कुमार, सदस्यगण गगन कुमार गुप्ता व प्रतिष्ठा वर्मा ने डीएम को निर्देशित किया है कि क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम का भू-खंड तहसील बूढ़नपुर में ग्राम/परगना-परमेश्वरपुर मुनरियांव (अतरौलिया) गाटा संख्या 104, रकबा 0.2850 हेक्टेयर है, जिसकी कीमत तहसीलदार बूढ़नपुर की आख्यानुसार मुव 25,65,000 रुपये है। उसमें से नन्दराम चौहान पुत्र स्व. अकालू चौहान निवासी ग्राम सुल्तानीपुर, पोस्ट जाम रसड़ा, बलिया के नाम 16,83,180 रुपये के बराबर भू-खण्ड आवंटित करें। साथ ही ग्राम/परगना बूढ़नपुर (कौड़िया) गाटा संख्या 746 रकबा 0.1550 हेक्टेयर में से 884 वर्ग मीटर ही है, जिसकी कीमत तहसीलदार बूढ़नपुर की आख्यानुसार 19,44,800 रुपये है। उसमें से हरीराम पुत्र स्व. रामधीर राम निवासी मौजा पोखरा, पोस्ट अनौनी, परगना-खानपुर, तहसील सैदपुर, गाजीपुर के नाम 17,51,486 रुपये के बराबर भू-खंड आवंटित करना सुनिश्चित करें। दरअसल इस प्रकरण एवं इससे संबंधित कार्यालय द्वारा परिवाद वर्ष 2009 में पारित निर्णय/आदेश 20 सितंबर 2013 के अनुसार डिग्रीदार नन्दराम को ईपीएफ की समस्त बकाया धनराशि 2,50,000 रुपये तथा उस पर मय नियमानुसार ब्याज के अतिरिक्त शारीरिक, मानसिक तथा भागदौड़ से हुई क्षति हेतु 20,000 एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,000 रुपये 30 दिन के भीतर देने हेतु आदेशित किया गया। अन्यथा की स्थिति में समस्त धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से देने हेतु आदेशित किया गया। इसी प्रकार 5 जुलाई 2014 के आदेशानुसार डिग्रीदार हरीराम को ईपीएफ की समस्त बकाया धनराशि 4,77,273 रुपये का भुगतान की तिथि तक का ब्याज सहित एक माह के भीतर देने हेतु तथा 20,000 रुपये क्षतिपूर्ति एवं 1,000 रुपये वाद व्यय का भी भुगतान करने हेतु आदेशित किया गया, लेकिन विपक्षी ने आदेश का पालन नहीं किया। याची डिग्रीदार की ओर से मौखिक रूप से यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि विपक्षी निर्णीत ऋणी से वसूली की कार्यवाही से संबंधित नीलामी पूर्ण नहीं हो पा रही है, तो संबंधित पत्रावलियों में याची डिग्रीदार की कुल डिक्रीटल धनराशि के बराबर विपक्षी निर्णीत ऋणी की अचल संपत्ति याची डिग्रीदार के नाम अन्तरित कर दाखिल खारिज हेतु उचित आदेश पारित करने की कृपा की जाए, ताकि डिग्रीदारों के जीवनकाल में वाद निष्पादित हो सके। आयोग के सदस्य गगन कुमार गुप्ता ने बताया कि नन्दराम चौहान आदेश की तिथि पर लगभग 83 वर्ष एवं हरीराम लगभग 75 वर्ष के हैं। पूर्व में गांधी आश्रम की भूमि कुर्क कर नीलामी का आदेश पारित किया गया था, लेकिन प्रशासन की ओर से उसमें आ रही दिक्कतों की जानकारी देकर आदेश का पालन नहीं कराया जा सका। ऐसी स्थिति में आयोग ने 24 सितंबर को याचीगण को जमीन आवंटन के साथ 15 दिनों के अंदर कब्जा दखल का निर्देश दिया है।
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