19 किमी फोरलेन बाईपास वाराणसी-लुंबिनी एनएच-233 को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से सीधे जोड़ेगा
आजमगढ़: जिले में रिंग रोड बनाने की प्रकिया तेज हो गई है। योजना के तहत रिंग रोड के सर्वे का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। 19 किलोमीटर लंबे रिंग रोड में 27 गांवों के किसानों की 91.4991 हेक्टेयर जमीन प्रभावित होगी। जिसका अधिग्रहण किया जाएगा। भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजा की धनराशि सहित रिंग रोड के निर्माण के लिए एनएचएआइ डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कर रहा है, जिसे स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद परियोजना पर कार्य शुरू हो जाएगा। प्रयागराज-मुंगराबादशाहपुर-जौनपुर-आजमगढ़ दोहरीघाट मार्ग के अंतर्गत जनपद में पड़ने वाले बाईपास के फोरलेन, चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण कराया जाना प्रस्तावित है। जिसके अंतर्गत वाराणसी-लुंबिनी एनएच-233 के समीप रानी की सराय के सेमरहा से लेकर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के समीप बिलरियागंज के उकरौड़ा तक 19 किमी रिंग रोड का निर्माण कराया जाना है। आजमगढ़ बाईपास पर किमी संख्या 128 सेमरहा से शुरू होकर 147 किमी उकरौड़ा तक रिंग रोड जाएगा। इस रिंग रोड के बन जाने से वाराणसी-लुंबिनी एनएच-233 और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तक जाने वालों को आसानी हो जाएगी। एनएचएआइ के सर्वे के अनुसार सर्वे में 27 गांवों के किसानाें की जमीन अधिग्रहण से प्रभावित होगी। जिसमें सेमरहा, खैरपुर जगजीवन, मोलनापुर माफी, ऊंचागांव, तमौली, जिरिकपुर, अबू सईदपुर, सरायशादी, गौरडीह आइमा, गौरडीह खालसा, बेलनाडीह, चक दुबे, हेंगापुर, वजहूद्दीनपुर, बिहरोजपुर, छित्तमपुर, बैठौली, शाहगढ़, दौलतपुर, बद्दोपुर, अइनिया, लोहरैया, शेखपुरा, कोठरा, आहोपट्टी, चंदौका और उकरौड़ा शामिल हैं। श्रीप्रकाश पाठक, महाप्रबंधक (तकनीकी), सह परियोजना निदेशक ने बताया कि रिंग रोड के सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है, जिसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। यह प्रक्रिया पूरी होनेे के बाद शासन को भेजा जाएगा। स्वीकृति मिलने के बाद इस परियोजना पर कार्य शुरू हो जाएगा।
Blogger Comment
Facebook Comment