आजमगढ़: पिता के अपहरण के मामले में कोर्ट ने बेटे को दोषी पाते हुए तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने उस पर पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 7 रमेशचंद्र ने बुधवार को सुनाया।अभियोजन पक्ष के अनुसार, जीयनपुर थाना क्षेत्र के दाउदपुर निवासी बलजीत यादव के चार बेटे जयप्रकाश, वीरेंद्र, रामवृक्ष और ओमप्रकाश थे। इनमें जयप्रकाश व वीरेंद्र बाहर नौकरी करते थे। रामवृक्ष और ओमप्रकाश घर पर रहते थे। बलजीत यादव ने अपनी एक जमीन 16 लाख रुपये में बेचना तय किया था। 4 जुलाई 2013 को वह अपने ट्यूबवेल से घर आ रहे थे। तभी रामवृक्ष तथा ओमप्रकाश यादव और घर ही के तीन नाबालिग लड़कों ने बलजीत का अपहरण कर लिया। इस मामले में बलजीत की पत्नी बढ़िया यादव ने अपने दोनों बेटों और पौत्रों के विरुद्ध जीयनपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जांच के बाद पुलिस ने पारिवारिक मामला बताते हुए अंतिम रिपोर्ट लगा दी। तब बलजीत की पत्नी बढ़िया यादव ने न्यायालय में पुलिस रिपोर्ट के खिलाफ एतराज, दाखिल किया। जिस पर न्यायालय ने पुलिस को फिर से विवेचना का आदेश दिया। पुलिस ने दूसरी बार भी अंतिम रिपोर्ट लगा दी। इस रिपोर्ट के खिलाफ भी बलजीत की पत्नी बढ़िया यादव ने न्यायालय में आपत्ति की। तब न्यायालय ने रामवृक्ष यादव ओमप्रकाश यादव तथा नाबालिग आरोपियों को सीधे कोर्ट में तलब कर लिया। इस मामले में दौरान मुकदमा आरोपी रामवृक्ष की मौत हो गई। तीन नाबालिग आरोपियों की पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड भेज दी गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता गोपाल पांडेय ने वादी बढ़िया देवी समेत छह गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की व सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपी ओमप्रकाश को दोषी मानते हुए तान वर्ष के कठोर कारावास तथा पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
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