जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने तीन हजार रुपये अर्थ दंड भी लगाया
आजमगढ़: गैर इरादातन हत्या के मुकदमें में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने एक आरोपित को पांच वर्ष के सश्रम कारावास और तीन हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनाई। यह फैसला जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव शुक्ला ने शुक्रवार को सुनाया। अभियोजन कहानी के अनुसार जीयनपुर कोतवाली के बैरीडाड़ निवासी राजेंद्र की गांव के ही हरिश्चंद्र से जमीनी विवाद की रंजिश चली आ रही थी। इसी रंजिश के कारण हरिश्चंद्र व छह नाबालिग लड़कों ने आठ जून 2013 की शाम चार बजे वादी मुकदमा राजेंद्र के साले के लड़के सुरेंद्र को बुरी तरह से लाठी डंडा से मारा पीटा। इन चोटों के कारण शहर के एक निजी अस्पताल में 19 जून को सुरेंद्र की मौत हो गई।पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद हरिश्चंद्र के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत किया। अभियोजन पक्ष की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता प्रियदर्शी पियूष त्रिपाठी, शिवाश्रय राय और आनंद सिंह ने कुल 11 गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया।दोनों पक्षों के दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपित हरिश्चंद्र को पांच वर्ष के सश्रम कारावास और तीन हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
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