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आजमगढ़: हुनर रंग महोत्सव का हुआ भव्य आगाज




पहले सत्र में बिहार,बंगाल और मध्य प्रदेश के कलाकारों ने दी प्रस्तुति

दूसरे सत्र में नाटक 'पतलून' का मंचन कर कलाकारों ने अपनी पीड़ा दर्शाया

आजमगढ़: रंगमंच एवं ललित कलाओं के लिए समर्पित सामाजिक, साहित्यिक व सांस्कृतिक संस्था हुनर संस्थान आजमगढ़ द्वारा आयोजित अखिल भारतीय बहुभाषी नाटक एवं लोक नृत्य समारोह "हुनर रंग महोत्सव" का भव्य उद्घाटन दो सत्रों में हुआ। प्रथम सत्र में अपराह्न 2:00 बजे देश के नामचीन कलाकार बिहार से अशोक मानव व मो.जिलानी, पश्चिम बंगाल से विधान चंद्र दास, मध्य प्रदेश से शिरीष सोनी ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का आगाज किया और मंच पर बी.के.दास कल्चरल अकैडमी पश्चिम बंगाल के कलाकारों द्वारा 100 से ऊपर शास्त्रीय व लोक नृत्य की प्रस्तुतिया हुई। 26 से 30 दिसंबर तक यह आयोजन स्थानीय प्रतिभा निकेतन इंटर कॉलेज,एटलस पोखरा के प्रांगण में किया जा रहा है । द्वितीय सांध्यकालीन सत्र का उद्घाटन सदर विधायक दुर्गा प्रसाद यादव और पूर्व मंत्री रामाश्रय विश्वकर्मा द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत महोत्सव के स्वागत अध्यक्ष अभिषेक जायसवाल दीनू, संस्थान अध्यक्ष मनोज यादव, रमाकांत वर्मा प्रबंधक प्रतिभा निकेतन स्कूल,वरिष्ठ उपाध्यक्ष हेमंत श्रीवास्तव, उप सचिव गौरव मौर्य ने माल्यार्पण व स्मृतिचिन्ह प्रदान कर किया। द्वितीय सत्र में कोशिश सोशल वेलफेयर सोसाइटी बैतूल मध्य प्रदेश की प्रस्तुति शिरीष सोनी के निर्देशन में नाटक पतलून का मंचन रहा। नाटक में कलाकारों ने यह दिखाया कि मनुष्य की इच्छाएं असीमित है कभी पूर्ति नहीं हो सकती एक प्राप्त होती है तो दूसरे की इच्छा जागृत हो जाती है मनुष्य की इच्छा शक्ति के ताने-बाने के ऊपर आधारित यह नाटक प्रस्तुति दर्शकों को अंदर से झकझोर कर सोचने पर मजबूर कर दी।दूसरी नाट्य प्रस्तुति कलाकारों की पीड़ा पर ऊपर आधारित मुदगल पूरी नाट्य केंद्र मुंगेर बिहार द्वारा मोहम्मद जिलानी के निर्देशन में नाटक
कैसे करें नाटक का मंचन रहा। कलाकारों की पीड़ा को बिहार के कलाकारों ने बखूबी मंच पर उकेरा एक तरफ रेलवे कंसेशन बंद दूसरी तरफ महंगाई चरम पर तो कलाकार कैसे करें नाटक? नए कलाकार आज की भाग दौड़ की जिंदगी में रंगमंच से दूर भाग रहे हैं तो कैसे करें नाटक? कला संस्कृति की सिर्फ बात किताबों तक सीमित हो गई है कलाकारों को सिर्फ भीड़ इकट्ठा करने के लिए उपयोग किया जाता है लेकिन जब कुछ देने की बारी आती है तो वह शून्य में चला जाता है तो कैसे करें नाटक ? वर्तमान परिस्थितियों को बखूबी मंच पर जिया कलाकारों ने। सभी कलाकारों को अतिथियों ने प्रमाण पत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन सुनील दत्त विश्वकर्मा ने किया इस अवसर पर संस्थान उपाध्यक्ष डॉक्टर शशी भूषण शर्मा,राकेश कुमार, कमलेश सोनकर, शशि सोनकर, दीपक जायसवाल, विकास सोनकर, सावन प्रजापति उपस्थित थे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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