राज्य विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार से महाविद्यालय के छात्रों की पूछी संख्या
मंगरावां के शिक्षण संस्थानों में 20 करोड़ का गबन प्रकरण भी चर्चा में रहा आजमगढ़: विकास खंड मुहम्मदपुर के मंगरवां स्थित शिक्षण संस्थानों व मदरसा में करोड़ों रुपये के घोटाले, पूर्व में पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध जिले के किसी महाविद्यालय में छात्रवृत्ति के संबंध में जांच करने के लिए गुरुवार को गोरखपुर सतर्कता विभाग की टीम जिले में रही। पूरे दिन जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, जिला समाज कल्याण विभाग और डीएवी महाविद्यालय परिसर स्थिति महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय के कैंप आफिस तक अफरातफरी की स्थिति रही। हालांकि, सतर्कता टीम के अधिकारी महेंद्र चौहान ने मीडिया से कहा कि यह गोपनीय जांच है। इसलिए किसी तरह का फोटो न लें और सहयोग करें। हालांकि, इंटरनेट मीडिया के लोगों ने उनकी बाहर से वीडियो बना ही लिया। महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पितेश्वर प्रसाद ने बताया कि गोरखपुर सतर्कता विभाग की टीम आई थी। वे लोग किसी महाविद्यालय के छात्रवृत्ति से संबंधित मामले में छात्रों की संख्या मांग रहे थे। उन्हें बताया दिया गया कि अभी यह नया राज्य विश्वविद्यालय है। इसलिए संबंधित महाविद्यालय के छात्रों की संख्या पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर से ही मिलेगी। इसके बाद वे लोग चले गए। उधर, मदरसा उलूम मंगरावां के प्रधानाचार्य मुफ्ती अब्दुल कादिर ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र देकर मुहिबुद्दीन मुस्लिम सोसाइटी के अंतर्गत संचालित मदरसा व कालेज में कई बैंक खातों के माध्यय से 20 करोड़ रुपये से अधिक का गबन किए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने एसआइटी से जांच और परिवार की सुरक्षा के लिए सरकारी खर्चे पर गनर और शस्त्र लाइसेंस की मांग की है। प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए डीएम विशाल भारद्वाज ने अक्टूबर 2022 में जांच के लिए दो सदस्यीय टीम भी गठित की थी, जिसमें तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक उमेश त्रिपाठी और वर्तमान जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी वर्षा अग्रवाल को शामिल किया था। डीएम ने जांच कर संंस्तुति करते हुए 10 दिन के अंदर आख्या मांगी थी।
शिकायत करने वाले मुफ्ती अब्दुल कादिर ने मदरसा मंगरावां के बारे ने बताया कि 20 करोड़ रुपये के गबन के प्रकरण में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर एसआइटी से जांच कराने की मांग की थी। शासन के निर्देश के क्रम में डीएम ने दो सदस्यीय टीम गपर ठित की थी, लेकिन आज तक जांच पूरी नहीं हो सकी और ना ही मुझे कोई जानकारी दी गई। बताया कि हमने गाेरखपुर सतर्कता विभाग को भी पत्र लिखा था। जिस पर आज टीम आई थी। मुझसे कुछ अभिलेख मांगे थे, जिसे उपलब्ध करा दिया है। अब वे क्या करेंगे, इसके संबंध में अधिकारियों ने किसी को कुछ बताने से मना किया है। एमएम जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी वर्षा अग्रवाल ने गोरखपुर की सतर्कता टीम के आने के संबंध में पूछे जाने पर खुद सवाल किया कि आप को कैसे पता चल गया? इस संबंध में मैं कुछ नहीं बता सकती। वैसे भी मैं इस समय विकास भवन में एक इंटरव्यू में हूं। गौरतलब है कि अब पुन: चर्चा में हो गया समाज कल्याण विभाग क्योंकि पूर्व में हुए कथित छात्रवृत्ति घोटाला और नियुक्ति की जांच में जिला समाज कल्याण विभाग बुधवार को भी चर्चा में रहा। मीडिया में चर्चा रही कि गोरखपुर सतर्कता विभाग की टीम द्वारा जिला समाज कल्याण विभाग में अभिलेख खंगाली गई है। लगभग दो घंटे तक आफिस का चक्कर लगाने के बाद न तो सतर्कता विभाग की टीम मिली और ना ही समाज कल्याण अधिकारी मोतीलाल। कर्मचारियों ने बताया कि कोई टीम नहीं आई थी। साहब भी लखनऊ विभागीय मीटिंग में है।
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