इस तरह का सम्मान जो एक भाई ने किया है वह आज तक नही देखा - परमवीर चक्र विजेता संजय कुमार
आजमगढ: सगड़ी तहसील क्षेत्र के अंजान शहीद स्थित नत्थूपुर के शहीद पार्क में कारगिल शहीद राम समुझ यादव के 23 वें शहादत दिवस पर शहीद मेला एव श्रद्धाजंलि सभा का भव्य आयोजन हुआ। कार्यक्रम में पूर्वांचल के कुल 25 शहीदों के परिवारों को अंगवस्त्रम एव मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान पहले शहीद के पिता राजनाथ यादव,प्रमोद यादव,भतीजे भतीजियों में अभय यादव,अभिनव यादव,आशीष यादव,आराध्या यादव,कारगिल योद्धा दीपचंद, राइफल मैन सूबेदार परमवीर चक्र विजेता संजय कुमार, डाक्टर अनूप सिंह यादव आदि ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया।इस दौरान पूरा मेले का माहौल बना रहा । इस अवसर पर कारगिल योद्धा दीपचंद ने कहा कि क्या आप लोग कभी जिंदा सैनिकों को सम्मान दे सकते हो। कम ही सैनिक मिलते है जो सैनिकों की कहानी सुना सके। हम सैनिक जो है सबसे मजबूत होते है। भारत देश के बारे में हमसे ज्यादा ज्यादा कोई नही सोचता। सैनिक देश और देश की जनता के लिए जीते हैं पर आज देश के नेता सैनिकों के बारे में नही सोचते। सवाल उठाया कि 22 साल की सेवा में सैनिक एक करोड़ रुपये नही कमा सकते क्या सैनिक की मौत पर जो एक करोड़ देते है वह कोई खैरात नही है। वादा है की हमारा हर कदम देश के लिए आजीवन समर्पित रहेगा। परमवीर चक्र विजेता राइफल मैन एव सूबेदार संजय कुमार ने कहा कि हमने आज मेले में जो कुछ देखा वह अनोखा है। पूरे देश मे शहीदों का मेला भाई द्वारा लगाना वह आजमगढ की मिट्टी में ही है जो एक भाई कर रहा है जो पूरे देश मे नही है। जिन शहीदों ने प्राणों कि आहुति दी है उनका सम्मान होना चाहिए। एक सैनिक जब अपना सर्वत्र न्योछावर करता है तो उसके जनाजे में नेता प्रशासन तो आते है पर बाद में सब भूल जाते है।सैनिक परिवार का जो दर्द है वह परिवार आजीवन सहन करता है। मेरे कई साथी सैनिक शहीद हुए पर इस तरह का सम्मान जो एक भाई द्वारा किया जा रहा है वह आज तक नही देखा।इस तरह का सम्मान आने वाले समय मे प्रेरणा का काम करेगा। कहीं भी खड़े होकर भाषण देने आसान है पर शहीद हुए लोगो को सम्मान देना देश का सम्मान है। बहुत सारे लोग है जो आप के साथ कंधा मिलाकर चलने को तैयार है। उन्होंने कहा कि हर बच्चे को ऐसी शिक्षा दें जो देश और परिवार का नाम रोशन कर सके। संस्कार अपने घर से ही मिलता है जरुरी है कि बचपन से ही संस्कार दिया जाए ।कारगिल में बहुत सारे सैनिकों ने अपना सर्वत्र न्योछावर किया है। जब भी कोई युद्ध हुआ तो भारत ने शुरुआत नही किया है हमेशा दुश्मनों ने हमला बोला है।सैनिक देश के हौसले से लड़ता है। आजमगढ ने पूरे देश मे जो सन्देश देने की जो पहल की है वह एक मिसाल है। जो सम्मान आप ने हमे दिया वह हमारे लिए बहुत बड़ा है । इस दौरान कहरवा,धोबिया नृत्य की और छात्रों द्वारा बेहतरीन एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देकर मन मोह लिया। वीरेन्द्र भारती ने कई देशभक्ति गीत और लोक गीत प्रस्तुत किये।साथ ही देश के कई नामचीन कवियों ने अपनी रचनाओं से उपस्थित लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। बादशाह प्रेमी की हास्य कविताओं से जमकर गुदगुदाया। इस दौरान डाक्टर अनूप यादव,हवलदार यादव,विश्वप्रकाश सिंह मुन्नू,उधम सिंह राठौर,मनोज यादव गीत कार, राज नाथ यादव राजेश यादव, शंकर यादव,अरविंद जायसवाल समेत कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
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