102 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस, डीएम ने गहरा शोक व्यक्त किया
आजमगढ़: जिले के ठेकमा ब्लॉक के बउआपार के निवासी और भारत की आजादी के लड़ाई में हिस्सा लेने वाले आजमगढ़ के एकमात्र बचे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लालचंद तिवारी का आज बुधवार को सुबह जिला मुख्यालय स्थित एक नर्सिंग होम में इलाज के दौरान निधन हो गया। वह 102 वर्ष के थे। स्वतंत्रता संग्राम में 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उन्होंने ठेकमा ब्लॉक के समीप स्थित सराय मोहन पुल को अपने साथियों के साथ तोड़ दिया था ताकि अंग्रेजों की आवाजाही ना हो सके। इसके लिए अंग्रेजों की पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लिया था। जिसके चलते उन को कई महीने जेल की सजा भी काटनी पड़ी थी। इसके अलावा भी उन्होंने आजादी की जंग में अहम भूमिका निभाई थी। उनके जज्बे को आजमगढ़ के लोगों ने हमेशा सलाम किया था और करते रहेंगे। जिलाधिकारी श्विशाल भारद्वाज ने वयोवृद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री लालचंद तिवारी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। जिलाधिकारी ने अपने शोक संदेश में कहा कि श्री तिवारी के निधन से जनपद को अपूरणीय क्षति हुई है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना किया। जिलाधिकारी ने शोक संतृप्त परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
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