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आजमगढ़: असली मालिक को पता ही नहीं चला और दूसरे के नाम हो गई कार !

पीड़ित व्यवसाई आशीष गोयल(बीच में)
सराफा व्यवसाई का कर्मचारी मालिक से आवश्यक कार्य से मांग कर ले गया था वाहन 

पीड़ित ने संभागीय परिवहन विभाग कर्मियों पर लगाया मिली भगत का आरोप

आजमगढ़: आजमगढ़: अगर आप चार पहिया वाहन के मालिक हैं तो सावधान हो जाएं क्योंकि आपको पता ही नही चलेगा और आपकी कार किसी दूसरे की हो जायेगी। ऐसा ही एक मामला शहर में सामने आया है जिसमें कर्मचारी ने अपने मालिक से आवश्यक कार्य से चार पहिया वाहन मांगा और गायब हो गया। बाद में परिवहन विभाग की मिलीभगत से अपने नाम उक्त कार को ट्रांसफर भी करा लिया। मामला प्रकाश में आने के बाद पीड़ित ने परिवहन विभाग के उच्चाधिकारियों ने सम्पर्क किया। परिवहन विभाग मामले की जांच में जुट गई है। शहर के कटरा कोहना मोहल्ला निवासी आशीष गोयल पुत्र स्व. सुधीर गोयल की नगर के आसिफगंज में सराफा की दुकान है। वे एक बड़े सराफा कारोबारी है। आशीष गोयल का कहना है कि उन्होंने कुछ माह पूर्व तारकेस्वर राय पुत्र पारसनाथ राय निवासी भरसारी थाना मेंहनगर को अपनी देख रेल वाले अस्पताल में रंगाई व बिल्डिंग मरमत के लिए रखा था। कभी कभी  तारकेश्वर राय उनकी कार मारुती सेलेरियो मांग कर सामान लाने के लिए ले जाता था। 25 अप्रैल को उनकी कार तारकेस्वर राय, उनके पुत्र शानू राय, भतीजा रानू राय आवश्यक कार्य के लिए मांग कर ले गए। इसके बाद दो दिन तक गाड़ी वापस नहीं किये और न ही वे लोग वापस आये। उन्होंने बताया कि उपरोक्त लोगों से जब वह अपनी कार मांगे तो वे जान से मारने की धमकी देने लगे। सराफा व्यवसायी का कहना है कि इस मामले की सूचना उन्होंने कोतवाली पुलिस को दी। इस बीच पता चला कि उनकी कार आरटीओ आफिस के कर्मचारियों की मिलीभगत से नकली कागजात तैयार करके बिना उनके हस्ताक्षर व सहमति के दीपांकर राय के नाम ट्रांसफर करा दिया गया। इस संबंध में उन्होंने एआरटीओ से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज करायी। एआरटीओ ने कहा कि मामले की जांच कर वे जालसाजी करने वालों पर मुकदमा दर्ज कराएंगे। लेकिन उन्होंने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। पुन: मिलने पर एआरटीओ ने उन्हें गुरुवार को उनका बयान दर्ज कराने के लिए अपने कार्यालय पर बुलाया था। वे गुरुवार की सुबह कार्यालय पर आए तो एआरटीओ नहीं मिले। वहीं एआरटीओ, प्रशासन सत्येंद्र कुमार यादव ने बताया कि  वे इस मामले की जांच कर रहे हैं। सराफा व्यवसायी व जिस पर आरोप लगाया गया है उन्हें भी उनका पक्ष लेने के लिए कार्यालय नोटिस देकर बुलाया गया है। मामले की जांच करने के बाद ही स्पष्ट होगा कि वाहन किसका था और जालसाजी हुई है या नहीं।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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