घर में पूजा पाठ कर धारण किया जनेऊ,सहभोज में शामिल हुए क्षेत्रवासी
आजमगढ़: न जाने दिमाग में क्या बात उठी और कौन सी सोहबत मिली जो अपने धर्म के प्रति समर्पित रहे आबिद ने उसे त्याग कर जनेऊ धारण कर लिया। विरोध के बाद उसने जश्न मनाने की बात छोड़ रविवार को सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में अपने घर में पूजा-पाठ कराया और आबिद अंसारी से आर्यन राजभर बन गया। साथ रही धर्मपत्नी भी पतिधर्म निभाते हुए शबनम से खुशबू बन गई। बात हो रही है जिले के जहानागंज थाना क्षेत्र के सुंभी ग्राम निवासी स्व० इलियास अंसारी के परिवार की। उनके निधन के बाद उनके तीन बच्चे अपने-अपने परिवार के साथ अलग रहने लगे। तीनों भाइयों में सबसे छोटा आबिद अंसारी क्षेत्र के रहने वाले एक व्यक्ति के स्कूल में वाहन चालक की नौकरी करने लगा। बताते हैं कि आबिद बचपन से अपने धर्म के प्रति पूरी तरह कट्टर स्वभाव का रहा। झगड़ालू स्वभाव के नाते लोग उसका विरोध कर पाने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाते थे। अचानक न जाने क्या उसके मन में आया और वह हिंदू देवी-देवताओं के प्रति आकर्षित हो गया। यह बात उसने अपने खास लोगों को बताया लेकिन किसी ने उस पर ध्यान नहीं दिया। करीब छह माह की मानसिक जद्दोजहद के बाद भी उसका धर्म बदलने का इरादा धूमिल नहीं हुआ और उसने अपने स्कूल प्रबंधक को इस्लाम धर्म त्याग कर सनातन धर्म ग्रहण करने की मंशा बताई। स्कूल प्रबंधक भी अपने चालक की बात सुनकर हैरान रह गए लेकिन अपनी धुन में रमा आबिद अपने इरादे को अटल रखा। गांव में उसने यह भी शोर मचाया कि जिस दिन जनेऊ धारण करूंगा उस दिन गाजे-बाजे के साथ धर्म ध्वजा फहराऊंगा। इस बात की जानकारी होने पर शनिवार को कुछ लोगों ने इसका विरोध किया बात जिद पर आई और रविवार को उसने सार्वजनिक घोषणा करते हुए अपने ही घर में देवी-देवताओं की प्रतिमा लगाकर वैदिक रीति-रिवाज से हिंदू धर्म ग्रहण कर लिया। साथ ही उसकी पत्नी शबनम ने अपना नाम खुशबू कर लिया तो उसके दो पुत्र व दो पुत्रियों के भी नामकरण किए गए। शाम को आर्यन राजभर ने सहभोज पर सभी को आमंत्रित किया, जिसमें क्षेत्र के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस घटना की चर्चा क्षेत्र में जोरों पर रही।
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