जिले में कुल 21 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय हैं
नए निर्देश से पुरुष कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार लटक रही
आजमगढ़: जिले में कुल 21 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय हैं। इनमें तैनात पुरुष कर्मचारियों को नए सत्र से हटाने का निर्देश शासन की ओर से जारी किया गया है। जिससे इन विद्यालयों में तैनात कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार लटक रही है। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में तैनात पुरुष कर्मचारियों को हटाने के फैसले का विरोध शुरू हो गया है। सोमवार को आजमगढ़ जिले में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के स्टाफ ने काली पट्टी बांध कर विरोध दर्ज करवाया। इनमें तैनात पुरुष कर्मचारियों को नए सत्र से हटाने का निर्देश शासन की ओर से जारी किया गया है। जिससे इन विद्यालयों में तैनात पुरुष कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार लटक रही है। विरोध में सोमवार को जनपद के समस्त कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों के कर्मचारियों और बच्चों ने विद्यालय में प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने बताया कि यदि विद्यालय में पुरुषों की तैनाती नहीं होगी तो बालिकाओं की सुरक्षा कैसे होगी। विद्यालय में यदि पुरुष कर्मचारी नहीं होंगे तो महिलाएं बाहरी कार्यों को कैसे निपटाएंगी। कस्तूरबा विद्यालयों में लेखाकार, चपरासी व चौकीदार पद पर पुरुषों की तैनाती की गई थी। पुरुष कर्मचारी न होने से गैस सिलिंडर सहित अन्य काम प्रभावित होंगे। बताते चलें कि यूपी के सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में अब सिर्फ महिला शिक्षकों और कर्मचारियों की ही तैनात की जाएंगी। नए सत्र से पुरुष शिक्षक व कर्मचारियों का नवीनीकरण नहीं होगा, जिससे उन पर छंटनी की तलवार लटक रही है। कर्मचारियों ने कहा कि यदि सरकार ने अपना निर्णय वापस नहीं लिया तो हम लोग बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
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