डेविड व उसकी पत्नी लीना 116 वर्ष बाद अपनी चौथी पीढ़ी के परिजनों से मिल खुशी से झूमे
आजमगढ़: दिनांक- 12.04.2023 को पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ अनुराग आर्य के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक नगर शैलेन्द्र लाल के मार्ग दर्शन में थाना प्रभारी रौनापार राम प्रसाद बिन्द द्वारा त्रिनिदाद एण्ड टोबैगो से आये दम्पत्ति डेविड कैनन व मार्लिन (लीना) को उनके 04 पीढ़ी पूर्व उनके परिजनों से मिलवाया गया हैं। कहानी की शुरूआत त्रिनिदाद एण्ड टोबैगो से होती है, जहां डेबिड कैनन की मां एक डाक्टर के पास दवा लेने के लिए जाती है, जिस डाक्टर से वह दवा लेती है वह मूलरूप से भारतवर्ष के उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के रहने वाले डा0 विनोद कुमार सिंह है। बातचीत के दौरान डा0 विनोद डेविड की मां को बताते है कि डेविड के पूर्वज भारत के ही रहने वाले है, यह बात डेविड की मां घर जाकर पूरे परिवार को बताती है और तभी डेविड कैनन व उसकी पत्नी लीना अपने पूर्वजों की जन्मस्थली खोजने करीब 05 वर्ष पूर्व भारत आने का मन बनाते है। इस दौरान उन्होनें अपने पूर्वजों के सम्बन्ध में तमाम दस्तावेज खंगाले तो पता चला कि इनके पूर्वज जनपद आजमगढ़ के थाना रौनापार क्षेत्र के ग्राम माड़ा कर्मनाथ पट्टी के रहने वाले थे। वर्ष 1906 में डेविड के पूर्वज 24 वर्षीय रामखेलावन मौर्य पुत्र टहल मौर्य गिरमिटिया मजदुर बनकर सबसे पहले कोलकाता पहुँचे थे, उसके बाद वर्ष 1907 में एग्रिमेन्ट के अनुसार त्रिनिदाद पहुँचे, वहीं पर रामखेलावन का विवाह भारतीय मूल की 18 वर्षीय रामकली से हुआ। रामकली की माता का नाम महादेयी और पिता का नाम गंगा जो बारी जाति के थे, जो उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के पास के कोतवाली वजीरगंज के अन्तर्गत स्थित गांव मोहराजगंज के रहने वाले थे। डेविड व उसकी पत्नी लीना 116 वर्ष बाद अपनी चौथी पीढ़ी के परिजनों से आज ग्राम माड़ाकर्मनाथ पट्टी में मिलकर बहुत खुश हुए । त्रिनिदाद एण्ड टोबैगो से आये दम्पत्ति का भव्य स्वागत ग्राम प्रधान, परिजनों व ग्रामवासियों द्वारा किया गया। गांव में दम्पत्ति ने भोजन किया घुमफिर कर सभी लोगों से मिलें तथा अपने पूर्वज रामखेलावन मौर्य के भाई पलटन मौर्य के वंशजों से मिलकर खुशी से झूम उठें। दम्पत्ति ने अपने पूर्वजों के परिजनों से मिलकर जानकारी ली कि मेरे पूर्वज रामखेलावन मौर्य के बाद राम प्रसाद हुए उसके बाद राम प्रसाद से रोसशैड सुपर शैड से मैं डेविड कैनन पैदा हुँ। इस प्रकार डेविड कैनन स्व0 रामखेलावन की चौथी पीढ़ी भारत आये अपने पूर्वजों की जन्मस्थली पर और यह कहकर वापस हुए कि 01 वर्ष बाद अपनी मां के साथ वापस आऊँगा। त्रिनिदाद एण्ड टोबैगों से आये दम्पत्ति ने आजमगढ़ पुलिस प्रशासन को अपने परिजनों से मिलवाने के लिए बहुत- बहुत धन्यवाद दिया।
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