आर्थिक विकास के लिए राष्ट्रीय श्रम नीति का बनाया जाना जरूरी है न्यूनतम मजदूरी के स्थान पर जीविका मजदूरी तय हो -विपिन पाठक, प्रदेश मंत्री
आजमगढ़: 14 अप्रैल : भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश मंत्री विपिन पाठक ने कहा कि आर्थिक विकास के लिए राष्ट्रीय श्रम नीति का बनाया जाना जरूरी है तथा न्यूनतम मजदूरी के स्थान पर जीविका मजदूरी तय हो सहित इन चार सूत्रीय मांगों को लेकर 26 अप्रैल को प्रदेश के सभी मुख्यालयों पर धरना दिया जाएगा और धरने के बाद प्रधानमंत्री को प्रस्ताव की एक प्रति भेजी जाएगी ।श्री पाठक बिहार प्रांत के पटना में भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से वापस लौटने के बाद आज उत्तर प्रदेश परिवहन निगम परिसर में परिवहन मजदूर संघ कार्यालय पर पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे । विपिन पाठक ने कहा कि न्यूनतम मजदूरी के स्थान पर जीविका मजदूरी देने, आर्थिक विकास के लिए राष्ट्रीय श्रम नीति बनाने, सामाजिक सुरक्षा का लाभ देने एवं ठेका प्रथा बंद करने की मांग को लेकर प्रदेश मुख्यालय के समक्ष धरना दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था का दो प्रमुख आधार है-पूंजी और श्रम। आर्थिक विकास में पूंजी और श्रम की अहम भूमिका होती है। किंतु, आर्थिक विकास से अर्जित लाभ पर पूंजी का एकतरफा अधिकार रहता है और श्रम उपेक्षित रह जाती है। समृद्ध और खुशहाल श्रम की आवश्यकता की वकालत करते हुए श्री पाठक ने आर्थिक विकास के लिए राष्ट्रीय श्रम नीति बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने न्यूनतम मजदूरी के स्थान पर जीविका मजदूरी देने की बात कही । उन्होंने कहा कि जनकल्याण के वैधानिक दायित्व के निर्वहन के लिए देश की आर्थिक नीति में न्यूनतम मजदूरी के स्थान पर जीविका मजदूरी तय किया जाये, क्योंकि भारत जैसे देश को गरीबी उन्मूलन के लिए वर्तमान मजदूरी की जगह जीविका मजदूरी तय करना आज की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अधिवेशन में पास हुए इन्हीं प्रस्ताव को लेकर 26 अप्रैल को देश के सभी प्रदेश मुख्यालय पर धरना दिया जाएगा इसके बाद जिलाधिकारी के माध्यम से एक ज्ञापन प्रधानमंत्री को भेजा जाएगा । इस मौके पर भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री अखिलेश कुमार सिंह, सचिव दुर्गेश नंदन सिंह,संयुक्त मंत्री धर्मेन्द्र श्रीवास्तव सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे ।
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