कहा,कर्मचारियों में असुरक्षा का भाव पैदा करती है नई पेंशन योजना
आजमगढ़: पुरानी पेंशन योजना बहाली संयुक्त मंच के तत्वावधान में मंगलवार को कलेक्ट्रेट स्थित रिक्शा स्टैंड पर धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। जिसमें केन्द्रीय व राज्य कर्मचारियों ने मंच साझा किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता रेलवे मजदूर संघ के उपाध्यक्ष बृजेन्द्र सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना का आधार पूर्णतया वैज्ञानिक व सामाजिक था, जो कर्मचारी के अस्तित्व से जुड़ा था। सह संयोजक रवीन्द्र प्रताप श्रीवास्तव ने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था को कर्मचारी हित में हर तरह से उपयोगी बताया। जबकि नवीन पेंशन योजना एक कर्मचारी में असुरक्षा की भावना पैदा करती है। संयोजक संतोष कुमार यादव ने कहा नवीन पेंशन योजना बाजारवाद पर आधारित है। जिस तरह से बाजार के प्रवृत्ति बदलती रहती है उसके आधार पर एक कर्मचारी के रिटायरमेंट के बाद का भविष्य सुरक्षित नहीं माना जा सकता है। सह संयोजक विन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि नवीन पेंशन योजना को लागू करने को कर्मचारियों के लिए एक असुरक्षा की भावना को पैदा करता है। श्रीमती प्रभा सिंह ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना एक सामाजिक एक पारिवारिक सुरक्षा पर आधारित थी, जबकि नई पेंशन योजना बाजारवाद पर आधारित है। जहां कर्मचारी भविष्य के प्रति असुरक्षा की भावना से सशंकित है। अनिल कुमार तिवारी ने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था की एक कर्मचारी के जीवन में प्रासंगिकता एंव ओपीएस लागू करने के लिए वर्ष 2012 से किए जा रहे है। संघर्षो को विस्तृत रूप से बताया। हरिहर सिंह ने पेंशन पर आधारित समाजशास्त्र व अर्थशास्त्र को समझाया। इस अवसर पर शकील अहमद, श्रीमती रीता सिंह, संजय यादव, श्रवण कुमार सिंह, सुशील कुमार श्रीवास्तव, सुरेन्द्र लाल श्रीवास्तव, अखिलेश सिंह, अवलेन्द्र सिंह, शेषनाथ सिंह, दुर्गा राय सहित अन्य कर्मचारीगण शामिल हुए।
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