महामूर्ख सम्मेलन में रचनाकारों को सुनने अंत तक डटे रहे लोग
आजमगढ़: शहर के पुरानी सब्जी मंडी स्थित मारवाड़ी धर्मशाला में इस बार भी परंपरागत महामूर्ख सम्मेलन का आयोजन किया गया, तो लोग वहां पहुंचने से खुद को नहीं रोक सके। आरंभ में सभी कवियों को आलू व अन्य सब्जियों की माला और लंबी टोपी पहनाकर स्वागत किया गया। संचालक वैभव वर्मा ने माइक संभालने के बाद कवियों को एक के बाद एक आमंत्रित करना शुरू किया, तो सिलसिला देर रात तक चलता रहा। वाराणसी की पूनम श्रीवास्तव ने देवर-भाभी और होली के अलग-अलग अंदाज में ऐसे गीत सुनाए कि लोग ठहाके लगाने लगे। उन्होंने ‘लागल तोहरे पर मनवा हो लाला, हो गइली रानी-रानी... ’ ने तो लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। कवि अटपट ने घर पर पत्नी के तालिबानी रूप का ऐसा बखान किया कि लोग जमकर ठहाके लगाए। श्याम सुंदर डालमिया के संयोजकत्व में आयोजित कार्यक्रम में कवियों ने अपनी एक के बाद एक श्रृंगार व हास्य रस की रचनाओं से लोगों को भाव-विभोर करने के साथ ही लोटपोट कर दिया। यूपी में का बा की तर्ज पर आजमगढ़ की नगरपालिका में का बा सुनाकर वैभव वर्मा ने चुटीले अंदाज में सभी चेयरमैन रह चुके लोगों पर अपने चिरपरिचित अंदाज में व्यंग कसा। वहीं महंगाई पर भी सबकुछ सह लेने के बाद भी वोट मोदी को करेंगे सुनाकर खूब हंसाया। नामी चिरैयाकोटी ने होली के निराले रूप में आज फिर होली आई है सुनाकर लोगों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। चकाचौंध ज्ञानपुरी ने तो अपने चिर-परिचित अंदाज में चुटीले फुहारे छोड़े। इस दौरान विजयेंद्र श्रीवास्तव, राकेश पांडेय सागर, मोहन राय अटपट, ताज आजमी, रोहित राही, अतुल कुमार मुन्ना, बनवारी जालान, डा. अशोक सिंह, डा. भक्तवत्सल, जगदीश गुप्ता, अभिषेक जायसवाल दीनू, अशोक खंडेलिया, बलराम तुस्यान, संदीप रूंगटा आदि मौजूद थे।
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