अदालत ने प्रत्येक को 22 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई
अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर छह रामानंद ने दिया आदेश
आजमगढ़ : दहेज हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने आरोपी पति तथा देवर को दोषी पाते हुए 10-10 वर्ष के कठोर कारावास तथा प्रत्येक को 22 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में ननद को दोषमुक्त कर दिया। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर छह रामानंद ने शुक्रवार को दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार बलिया जनपद के रसड़ा कस्बे के गौरैया स्थान निवासी सतीश चंद्र गुप्ता की बहन निशा उर्फ सन्नो की शादी हरिनाथ निवासी ईश्वरपुर, थाना अतरौलिया के साथ अप्रैल 1999 में हुई थी। शादी के बाद 50 हजार रुपये दहेज की मांग को लेकर ससुराल में निशा का उत्पीड़न होने लगा। अंततः 29 अप्रैल 2002 को ससुराल में निशा की जलाकर हत्या कर दी गई। मृतका निशा के भाई सतीश गुप्ता ने ससुराल वालों के विरुद्ध दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। दौराने मुकदमा सास तथा ससुर की मृत्यु हो गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता श्रीश कुमार चौहान ने वादी समेत सात गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने पति हरिनाथ तथा देवर रामनाथ को उक्त सजा सुनाई।
Blogger Comment
Facebook Comment