अवसाद ग्रस्त बड़े भाई को बचाने में छोटी बहन की गई थी जान
आजमगढ़ : जिले में शुक्रवार को दोपहर बेटी पैदा होने से डिप्रेशन में गए युवक ने मासूम बहन के साथ गोदान एक्सप्रेस से कटकर जान दे दी। घटना निजामाबाद थाना क्षेत्र में कयामुद्दीनपुर पट्टी के पास की है। युवक की पहचान सोनू यादव (33) के रूप में हुई। मृतक कप्तानगंज का रहने वाला था। सोनू कलकत्ता में गैस एजेंसी की गाड़ी चलाता था और 14 नवंबर को ही घर आया था। पांच साल पहले उसकी मां की जहर खाने से मौत हुई तो पिता भी 6 महीने पहले ही घर से झगड़ा कर कहीं भाग गया। घर पर सोनू की दो बहनें गुड़िया (13) और पूजा थी। पिता दिनेश यादव के जाने के बाद पूरे घर के खर्च चलाने की जिम्मेदारी उसके ऊपर आ गई थी। ऐसे में सात दिन पूर्व सोनू की पत्नी मनीषा यादव ने अस्पताल में ऑपरेशन से एक बेटी को जन्म दिया जिसके बाद से वह डिप्रेशन का शिकार हो गया था। इस बात को मृतक की पत्नी मनीषा और साले गोविन्द यादव ने भी स्वीकार किया। वहीं गांव के लोगों का कहना है कि मृतक जिद्दी किश्म का था। बात-बात पर गुस्सा हो जाता था। विगत दो वर्ष में आठ मोबाइल को पटक कर तोड़ चुका है। मीडिया से बातचीत करते हुए मृतक सोनू यादव की पत्नी मनीषा यादव का कहना है कि मेरे पति को ऑपरेशन से बेटी पैदा होने से दिक्कत थी। उन्हें तो बेटा चाहिए था बस यही बात थी। पत्नी मनीषा का कहना है कि जब उसके मायके से सोनू निकले तो कुछ भी भनक नहीं लगने दी , सुबह आए और बोले बहन को लेकर जाएंगे उसकी पढ़ाई का नुकसान हो रही है। इसलिए उसे लेकर घर जाएंगे रास्ते में क्या हुआ हमें कुछ नहीं पता है। वहीं इस बारे में मृतक सोनू यादव के साले गोविन्द यादव का कहना है कि ससुराल में रह रहे सोनू एक दिन पूर्व अपने घर गए थे और गेहूं बोने की बात कह रहे थे। इसके साथ ही विगत छह महीने से सोनू यादव के पिता खोए हैं। इस मामले का प्रार्थना पत्र जिले की एसपी को देने की बात कह रहे थे। घर जाने की बात कहकर निकले थे। जिस बहन को लेकर जा रहे थे उसका पेपर 20 नवंबर से होना था। पिता के गायब होने और घर में दो बहनों के साथ बेटी पैदा होने से डिप्रेशन में चल रहे थे। यही कारण है कि इस तरह का आत्मघाती कदम उठाना पड़ा। गौरतलब है कि सोनू अपनी ससुराल जगदीशपुर में रहता था। 15 नवंबर को उसकी पत्नी ने सरायमीर के एक अस्पताल में एक बेटी को जन्म दिया था। बेटी के पैदा होने के बाद से वह डिप्रेशन में चल रहा था। 17 नवंबर को वह अपने गांव कंधरापुर में आया था। वहीं मीडिया से बातचीत करते हुए गोदान एक्सप्रेस के ड्राइवर संजय भारती ने बताया कि आरोपी युवक ट्रैक पर आकर लेट गया। बहन मरना नहीं चाहती थी वह पहले भाई को बचाने ट्रैक पर आई पर भाई से हाथ छुड़ा नही पाई और दोनो चपेट में आ गए। दुर्घटना के बाद ट्रेन के ड्राइवर संजय भारती ने इस बात की सूचना सरायमीर में रेलवे के कर्मचारियों को दी थी। वहीं इस बारे में जिले के एसपी ग्रामीण राहुल रूसिया का कहना है कि ट्रेन से कटकर मरने वाले दो लोगों की पहचान हो गई। जांच में यह बात सामने आई की सोनू यादव काफी उग्र और चिड़चिड़े स्वभाव का था जिस कारण यह घटना घटी। इस मामले में पुलिस पोस्टमार्टम के साथ अन्य विधिक कार्रवाई में जुटी हुई है।
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