सफाईकर्मियों से दो टूक कहा कि सफाई के अभाव में बात बनेगी नहीं
एक दिन पहले एसडीएम फूलपुर ने भी दिखाई थी सख्ती
आजमगढ़: उपजिलाधिकारी फूलपुर की सख्ती का असर होने के बाद माहुल में सड़क पर सफाई कर्मी उतरे और ईओ की भी तंद्रा टूटी है। वहीं सफाईकर्मियों का मानदेय रोकने का आदेश देने के साथ ही अफसरों के घरों से निकलने से कस्बाई इलाकों में राहत की उम्मीद जगी है। डेंगू के खौफ और बुखार पीड़ितों से अस्पताल पटे पड़े होने के बीच एसडीएम फूलपुर के बाद एसडीएम मेंहनगर ने राहत देने वाला कदम उठाया है। शुरुआत फूलपुर के उपजिलाधिकारी नरेंद्र कुमार गंगवार ने की, तो नगर पंचायत की व्यवस्था की कलई भी खुली, जिसमें 14 की जगह दो ही सफाई कर्मी ड्यूटीरत मिले। गुरुवार को दूसरे दिन एसडीएम मेंहनगर संत रंजन तड़के घर से निकले तो खुद ही झाड़ू उठा लिए। इसका असर हुआ कि सफाईकर्मी साहब के हाथ से झाड़ू लेकर खुद पूरी तन्मयता से जुट गए। एसडीएम ने कहा कि नगर की सफाई व्यवस्था से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। मेंहनगर कस्बा में उपजिलाधिकारी संत रंजन तड़के छह बजे ही घर से निकल गए। किसी को बुलाए नहीं, बल्कि व्यवस्थाओं को जांचने निकल पड़े। सफाईकर्मियों से दो टूक कहा कि सफाई के अभाव में बात बनेगी नहीं। उन्होंने कहा कि कर्म करने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए। इतना कहते हुए झाड़ू उठाकर सफाई में जुट गए। हालांकि, सफाई कर्मी दूसरे ही पल उनसे झाड़ू लेकर ड्यूटी में जुट गए। सफाई कर्मियों ने बताया कि कस्बे में सफाई के बाद कुछ लोग कचरा फेंक देते हैं। नगरवासियों को कूड़ेदान में कचरा डालने के लिए बताया गया है। ग्रामीण इलाकों में सफाईकर्मी नियुक्त हैं, लेकिन अधिकांश हाजिरी लगाकर चले आते हैं। ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी का ध्यान गांव की तरफ भी मोड़ने का प्रयास किया। उधर एसडीएम फूलपुर गुरुवार को दूसरे दिन माहुल नगर में फिर से औचक निरीक्षण पर निकल पड़े। उन्हेें कर्मचारी सफाई करते नजर आए। नगर पंचायत की गाड़ी कूड़ा उठाते नजर आई। एसडीएम ने हिदायत दी कि सफाई अभियान में लापरवाही अक्षम्य होगी।
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