मुठभेड़ की न्यायिक जांच की मांग कर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन डीएम को सौंपा
आजमगढ़: दिल्ली के बटला हाउस एनकाउंटर की 14वीं बरसी पर राष्ट्रीय उलमा काउंसिल ने सोमवार को कलेक्ट्रेट भवन के समक्ष प्रदर्शन कर मुठभेड़ की न्यायिक जांच कराने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा। राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के यूथ प्रदेश अध्यक्ष नुरुल होदा के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर घटना के जांच की मांग को लेकर नारेबाजी भी की गई। यूथ अध्यक्ष नुरुल होदा ने कहा कि 2008 में तत्कालीन कांग्रेस की सरकार के गृहमंत्री के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने सरकार की किरकिरी होने से बचाने के लिए व मुस्लिम नौजवानों को बलि का बकरा बनाने की नियत से साजिश रची थी। जिसमें 19 सितंबर 2008 को दिल्ली के बटला हाउस में फर्जी मुठभेड़ कर दौरान आजमगढ़ जिले के दो नौजवानों आतिफ व साजिद के साथ ही एक जांबाज पुलिस इंस्पेक्टर मोहन चंद को मौत के घाट उतार दिया गया। कई मुस्लिम नौजवानों को इस केस में फंसा कर उनकी जिंदगी बर्बाद कर दी गई। तब से इनकाउंटर के खिलाफ राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल आजमगढ़ से लेकर दिल्ली तक विरोध जताया था। आजमगढ़ से हजारों लोग स्पेशल ट्रेन से दिल्ली भी गए ताकि तत्कालीन सरकार उनकी आवाज सुन सके। तबकि यूपीए सरकार ने एनकाउंटर की न्यायिक जांच न कराकर लोकतंत्र का गला घोंटा। इसके बाद न तो दिल्ली राज्य आम आदमी पार्टी की सरकार और केंद्र की भाजपा सरकार ने इस प्रकरण में कोई संज्ञान लिया। इस एनकाउंटर के चलते न केवल मुस्लिम समाज बल्कि आजमगढ़ पर भी धब्बा लगा इसलिए इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। जिसके लिए लगातार आंदोलन चलता रहेगा। इस मौके पर पार्टी के तमाम पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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