अहरौला के पीठापुर गांव में 16 वर्ष पूर्व हुई थी गैर इरादतन हत्या
आजमगढ़ : अहरौला थाना क्षेत्र के पीठापुर गांव में लगभग 16 वर्ष पूर्व हुई गैर इरादतन हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने एक आरोपी को आजीवन कारावास तथा पचास हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर सात सौरभ सक्सेना ने शुक्रवार को सुनाया। अभियोजन कहानी के अनुसार अहरौला थाना क्षेत्र के पीठापुर गांव में 30 मई 2006 की रात प्रेम प्रसंग के चक्कर में वीरेंद्र राजभर पुत्र राम बचन राजभर को लड़की के घर वालों ने लाठी डंडा से बुरी तरह से मारा पीटा। घायल वीरेंद्र को पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अहरौला ले जाया गया। जहां से डॉक्टर ने उसे जिला अस्पताल भेजा। हालत गम्भीर होने पर जिला अस्पताल के डॉक्टर ने वीरेंद्र को वाराणसी रेफर कर दिया। वाराणसी ले जाते समय रास्ते में वीरेंद्र की मौत हो गई। मृत वीरेंद्र के चाचा श्याम राजभर ने संग्राम विश्वकर्मा तथा उनके पुत्र के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद दोनों आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दिया। आरोपी संग्राम के पुत्र के नाबालिग होने के कारण उसकी पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड भेज दी गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता शिवाश्रय राय ने वादी श्याम, देवराज, विवेचक मोहनलाल वर्मा, डॉक्टर पी कन्नौजिया, उपनिरीक्षक कृष्णमोहन सिंह, कॉन्स्टेबल मोहर्रिर छोटेलाल तथा श्यामप्रीत को बतौर गवाह कोर्ट में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी संग्राम विश्वकर्मा को आजीवन कारावास तथा पचास हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
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