तीन लेखपालों को एडीएम ने किया निलंबित, एक गिरफ्तार
बवाल बढ़ा तो लेखपाल ने खुद को तहसीलदार के कक्ष में किया कैद
आजमगढ़: लालगंज तहसील में दोपहर दो बजे उस समय हड़कंप मच गया, जब लेखपालों ने एक अधिवक्ता की कमरे में बंद कर पिटाई कर दी। हमले में अधिवक्ता का सिर फट गया। जब तक बाकी अधिवक्ता पहुंचते तब तक दो आरोपित लेखपाल फरार हो गए, जबकि एक ने खुद को तहसीलदार के विश्राम कक्ष के शौचालय में खुद को कैद कर लिया। घटना को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम ने तीनों आरोपित लेखपालों को निलंबित कर दिया है। उधर घटना की जानकारी के बाद एसडीएम सुरेंद्र नारायण त्रिपाठी, क्षेत्राधिकारी मनोज रघुवंशी, तहसीलदार उमाशंकर त्रिपाठी व प्रभारी निरीक्षक शशिमौलि पांडेय फोर्स के साथ पहुंच गए। क्षेत्र के पकड़ी खुर्द गांव निवासी अधिवक्ता मंतराज बुधवार को अपनी बहन ऊषा देवी पत्नी मनोज निवासी कोटाखुर्द को लेकर एसडीएम के यहां पोखरी का सीमांकन कराकर खोदाई हेतु आवेदन दिया। एसडीएम ने उस पर आदेश कर दिया। उसके बाद अधिवक्ता बहन के साथ लेखपाल फहीम अहमद के कक्ष में गए। आरोप है कि वहां पर लेखपाल ने आवेदन को फेंककर आवेदनकर्ता ऊषा के साथ अपशब्द का प्रयोग करने लगे। मना करने पर कक्ष में मौजूद अन्य लेखपालों ने दरवाजा बंद कर मंतराज को पीटना शुरू कर दिया। शोर सुनकर अन्य अधिवक्ता दौड़े, तो लेखपाल भागने लगे।ल घायल अधिवक्ता को इलाज के लिए एसडीएम ने अपनी गाड़ी से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लालगंज भेजवाया। तहसील बार अध्यक्ष विजय प्रकाश पांडेय व दी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजनाथ यादव के नेतृत्व में अधिवकताओ ने दोषी लेखपालों को निलंबित करने व मुकदमा लिखकर गिरफ्तारी की मांग पर अड़े गए। घटना की सूचना मिलने पर एसपी सिटी शैलेंद्र लाल भी मौके पर पहुंच गए। अधिवक्ताओं की मांग पर एसडीएम ने तीन लेखपालों को निलंबित कर दिया। वहीं पुलिस ने शौचालय में साढ़े तीन घंटे से बंद लेखपाल आमिल को गिरफ्तार कर लिया।
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